जम्मू-कश्मीर CAT ने नायब तहसीलदार पद के लिए उर्दू जानने को अनिवार्य करने वाले नियम पर लगाई रोक
Shahadat
17 July 2025 5:05 AM

जम्मू-कश्मीर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने जम्मू-कश्मीर राजस्व (अधीनस्थ) सेवा भर्ती नियम, 2009 के उस प्रावधान के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है, जिसमें नायब तहसीलदार के पद के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में उर्दू के ज्ञान के साथ स्नातक की डिग्री अनिवार्य की गई थी।
सदस्य राम मोहन जौहरी और राजिंदर सिंह डोगरा की बेंच ने कहा कि भाषा प्रतिबंध प्रथम दृष्टया भेदभावपूर्ण प्रतीत होता है, खासकर जम्मू-कश्मीर राजभाषा अधिनियम, 2020 के आलोक में, जो केंद्र शासित प्रदेश के लिए पाँच आधिकारिक भाषाओं, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी, कश्मीरी और डोगरी को मान्यता देता है।
न्यायाधिकरण ने कहा,
"प्रावधान... जहां तक उर्दू को विशेष भाषा योग्यता के रूप में अनिवार्य करता है, प्रथम दृष्टया भेदभावपूर्ण प्रतीत होता है... खासकर जम्मू-कश्मीर राजभाषा अधिनियम, 2020 के आलोक में।"
तदनुसार, न्यायाधिकरण ने 2009 के नियमों में उल्लिखित भाषा योग्यता के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी; SSRB को पांचों आधिकारिक भाषाओं में से किसी एक का ज्ञान रखने वाले उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ताओं ने जम्मू और कश्मीर सेवा चयन भर्ती बोर्ड (SSRB) द्वारा जारी विज्ञापन अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिसमें केवल उर्दू योग्यता की बात दोहराई गई। उन्होंने तर्क दिया कि यह प्रतिबंध अन्य आधिकारिक भाषाओं में पारंगत उम्मीदवारों को अनुचित रूप से बाहर करता है, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।
उन्होंने यह घोषित करने की मांग की कि 2009 के नियम संविधान के विरुद्ध हैं। यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि यदि उम्मीदवारों को किसी अन्य आधिकारिक भाषा का ज्ञान है तो उन्हें केवल उर्दू में दक्षता न होने के कारण अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए।
मामला अब 13.08.2025 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
Case-Title: RAJESH SINGH Vs GENERAL ADMINISTRATIVE DEPARTMENT, 2025