झारखंड हाईकोर्ट ने यूट्यूब पर कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की

LiveLaw News Network

15 Dec 2021 7:09 AM GMT

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    झारखंड हाईकोर्ट

    झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की वर्चुअल तारीखों पर अपनी कार्यवाही को यूट्यूब पर लाइव-स्ट्रीम करने का फैसला किया।

    झारखंड हाईकोर्ट की वेबसाइट के मेन्यू बार में लाइव विंडो पर क्लिक कर दर्शक लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक हाईकोर्ट के यूट्यूब चैनल पर ले जाएगा, जहां कोई लाइव अदालती कार्यवाही (कोर्ट संख्या 12 और 10 की) देख सकता है। सुनवाई की वर्चुअल तारीखों पर ही लाइव कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा।

    इसकी नोटिस हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी की गई है जो इस प्रकार है,

    "कृपया ध्यान दें कि कोर्ट की कार्यवाही की कोर्ट नंबर 12 और कोर्ट नंबर 10 की लाइव स्ट्रीमिंग केवल वर्चुअल सुनवाई की तारीखों पर 15.12.2021 से शुरू होने जा रही है। दर्शक झारखंड हाईकोर्ट की वेबसाइट के मेन्यू बार में लाइव विंडो पर क्लिक कर लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं।"

    झारखंड हाईकोर्ट इसके साथ यूट्यूब पर कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने वाला देश का छठा हाईकोर्ट बन जाएगा।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उड़ीसा उच्च न्यायालयों के बाद, हाल ही में पटना उच्च न्यायालय यूट्यूब पर न्यायालय की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने वाला देश का पांचवा उच्च न्यायालय बन गया था।

    इससे पहले, गुजरात उच्च न्यायालय ने न्यायालय की वर्चुअल सुनवाई के दौरान भी ओपन कोर्ट अवधारणा के कार्यान्वयन को प्रभावी और व्यापक बनाने के उद्देश्य से यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की थी।

    इसके बाद, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने यूट्यूब पर लाइव कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया था।

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जून 2021, चार पत्रकारों द्वारा अदालत की कार्यवाही तक मीडिया की पहुंच की मांग करने वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यूट्यूब पर अपनी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने का निर्णय लिया था।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि लीगल जर्नलिस्ट, नूपुर थपलियाल (लीगल कॉरेस्पॉन्डेट, लाइव लॉ), स्पर्श उपाध्याय (स्पेशल लीगल कॉरेस्पॉन्डेट, लाइव लॉ), अरीब उद्दीन अहमद (लीगल कॉरेस्पॉन्डेट), और राहुल दुबे (लीगल कॉरेस्पॉन्डेट, दैनिक भास्कर) ने एमपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ऑडियो-विजुअल इलेक्ट्रॉनिक लिंकेज नियम, 2020 को चुनौती देने वाली एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि यह नियम 'तृतीय पक्षों' को वर्चुअल अदालती कार्यवाही तक पहुंचने से रोकता है और नागरिकों के लिए सार्वजनिक मंच पर रीयल-टाइम रिपोर्टिंग में मीडियाकर्मियों को कठिनाई का कारण बन रहा है।

    उड़ीसा हाईकोर्ट ने पहुंच और पारदर्शिता बढ़ाने की दृष्टि से, अगस्त 2021 में मुख्य न्यायाधीश की अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की थी।

    महत्वपूर्ण रूप से, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका ने हाल ही में शनिवार को एक समारोह में बोलते हुए अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग के विचार का समर्थन किया।

    इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि लाइव स्ट्रीमिंग से अदालती कार्यवाही की पारदर्शिता बढ़ेगी, न्यायमूर्ति ओका ने कहा,

    "मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि चुनिंदा मामलों में सीमित रूप में लाइव स्ट्रीमिंग होनी चाहिए। हमें पारदर्शिता बरकरार रखनी चाहिए। पारदर्शिता में कुछ भी गलत नहीं है। यदि संसदीय कार्यवाही लाइव-स्ट्रीम की जाती है तो अदालती कार्यवाही क्यों नहीं!"

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