इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जगद्गुरु परमहंस की 'धर्मदंड' और 'भगवा वस्त्र' के साथ ताजमहल में प्रवेश की मांग वाली याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा

Shahadat

13 July 2022 6:14 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जगद्गुरु परमहंस की धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ ताजमहल में प्रवेश की मांग वाली याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को जगद्गुरु परमहंस आचार्य द्वारा आगरा ताजमहल परिसर में धर्मदंड (लकड़ी से बने) के साथ 'भगवा वस्त्र' पहनकर प्रवेश करने की अनुमति मांगने वाली याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा।

    जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले को 5 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट करते हुए भारत संघ और राज्य सरकार से चार सप्ताह के समय में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

    याचिका के बारे में संक्षेप

    जगद्गुरु परमहंस आचार्य (याचिकाकर्ता नंबर एक) रामघाट, अयोध्याजी स्थित श्री तपस्वी जी की छावनी तपस्वी आचार्य पीठाधीश्वर के महामंडलेश्वर हैं और याचिकाकर्ता नंबर दो (धर्मेंद्र गोस्वामी) श्री शंकराचार्य सनातन दशनाम गोस्वामी और श्रीमठ महेश्वर धाम, सुनरख रोड, वृदावन, मथुरा में स्थित अखाड़ा के पीठाधीश्वर/आचार्य महामंडलेश्वर हैं।

    दोनों याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख कर ताजमहल के आधिकारिक अधिकारियों को उनके धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ ताजमहल में उनके प्रवेश और उनके शिष्यों को बिना किसी प्रतिबंध के जाने दिए जाने का निर्देश देने की मांग की।

    गौरतलब है कि 26 अप्रैल, 2022 को जब जगद्गुरु परमहंस आचार्य ताजमहल में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे तब ताजमहल के सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें ताजमहल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी, क्योंकि वे धर्मदंड ले जा रहे थे और उन्होंने भगवा वस्त्र पहन रखा था।

    इसके बाद दो मई, 2022 को जब याचिकाकर्ता नंबर दो के साथ याचिकाकर्ता नंबर एक ताजमहल परिसर में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया और नजरबंद कर दिया गया।

    अब ताजमहल अधिकारियों के इस अधिनियम के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने ताजमहल में जाने के लिए याचिकाकर्ताओं की अनुमति के लिए तीन मई, 2022 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रतिनिधित्व किया। हालांकि, कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसलिए ताजमहल में 'भगवा वस्त्र' पहनकर अपने धर्मदंड (लकड़ी से बने) के साथ प्रवेश करने की अनुमति मांगने के लिए वर्तमान याचिका दायर की गई।

    हाईकोर्ट के समक्ष उनकी याचिका में कहा गया कि धर्मदंड केवल लकड़ी से बना है और इसमें कोई धातु या कोई निषिद्ध वस्तु नहीं है। यह भगवा कपड़े से ढका हुआ है।

    याचिका में आगे कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को संदेह है कि ताजमहल में कुछ रहस्य है और उन्हें संदेह है कि कुछ प्राचीन हिंदू मंदिर हैं, जो ताजमहल के बंद 20 कमरों के अंदर बंद कर दिए गए हैं, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने याचिकाकर्ताओं को ताजमहल में प्रवेश नहीं करने दिया।

    केस टाइटल - जगद्गुरु परमहंस आचार्य बनाम भारत संघ और पांच अन्य [WRIT - C No. - 2022 का 13882]

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