अंतर-धार्मिक शादी: हाईकोर्ट ने बेटी की कस्टडी के लिए परिवार की अर्जी खारिज की, कहा- वह बालिग है
Shahadat
20 Nov 2025 8:33 PM IST

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार (18 नवंबर) को एक हिंदू महिला के मामा की हेबियस कॉर्पस पिटीशन यह कहते हुए खारिज की कि वह बालिग है, गलत तरीके से कैद में नहीं है और अपनी मर्ज़ी से रेस्पोंडेंट नंबर 4 (एक मुस्लिम आदमी) के साथ रह रही है।
चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा;
"कॉर्पस बालिग है। उसका कहना है कि उसने अपनी मर्ज़ी से अपने माता-पिता का घर छोड़ा था। उसका यह भी कहना है कि उसके कुछ डॉक्यूमेंट्स अभी भी माता-पिता के पास हैं। चूंकि कॉर्पस बालिग है और किसी गलत तरीके से कैद में नहीं है और अपनी मर्ज़ी से अपने माता-पिता के घर वापस नहीं जाना चाहती, इसलिए पिटीशन में आगे कोई ऑर्डर नहीं मांगा जाता। इसलिए पिटीशन का निपटारा किया जाता है।"
पिछली सुनवाई में महिला खुद कोर्ट के सामने पेश हुई और उसने कन्फर्म किया कि वह अपनी मर्ज़ी से अपने माता-पिता का घर छोड़कर आई थी। हालांकि, उसने यह भी कहा कि उसकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और आधार से जुड़े ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स अभी भी उसके माता-पिता के पास हैं।
इस बीच कोर्ट ने यह देखते हुए कि महिला ने रेस्पोंडेंट नंबर 4 से शादी नहीं की, जबलपुर के वन स्टॉप सेंटर को महिला को लेने और उसे सेफ कस्टडी में रखने और सुनवाई की अगली तारीख पर पेश करने का निर्देश दिया।
18 नवंबर की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने ऊपर बताई गई बातों को दोहराते हुए पिटीशन खारिज कर दी।
Case Title: SC v State [WP-43434-2025]

