भारत में कानून दो अलग-अलग रेस्तरां की सजावट में समानता के आधार पर ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में निषेधाज्ञा प्रदान करने की अनुमति नहीं देता: दिल्ली हाईकोर्ट

Shahadat

16 Jan 2023 3:42 PM IST

  • भारत में कानून दो अलग-अलग रेस्तरां की सजावट में समानता के आधार पर ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में निषेधाज्ञा प्रदान करने की अनुमति नहीं देता: दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने पाया कि भारत में कानून केवल दो अलग-अलग रेस्तरां की सजावट में समानता के आधार पर ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में निषेधाज्ञा प्रदान करने की अनुमति नहीं देता।

    जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि सजावट, परिसर के लेआउट, मेनू कार्ड या ऐसे रेस्तरां के कर्मचारियों की वर्दी के संबंध में भारतीय कानून में विशिष्टता का कोई दावा उपलब्ध नहीं है।

    अदालत ने कहा,

    "इस देश में कानून केवल इस आधार पर निषेधाज्ञा देने की अनुमति नहीं देता है कि दो अलग-अलग संस्थाओं के रेस्तरां की सजावट, लेआउट या समान दिखने वाली सजवाट है।"

    इन्फिनिटी फूड्स एलएलपी और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग करने वाले सबवे आईपी एलएलसी द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज करते हुए टिप्पणियां की गईं। जबकि आवेदन को विभिन्न अन्य आधारों पर खारिज कर दिया गया, अदालत ने यह भी विचार किया कि क्या रेस्तरां, काउंटरों, कर्मचारियों की वर्दी और मेनू कार्ड के लेआउट में समानता अदालत द्वारा निषेधाज्ञा को न्यायोचित ठहरा सकती है।

    Subway ब्रांड नाम और लोगो "SUBERB" के एक पीले और हरे रंग की योजना के साथ उपयोग से व्यथित है। यह आरोप लगाया गया कि यह इसके ट्रेडमार्क "Subway" के समान है।

    सैंडविच के संबंध में प्रतिवादियों द्वारा "वेजी डिलीशियस" और "सब ऑन ए क्लब" के उपयोग से सबवे भी व्यथित है और कहा कि वे भ्रामक रूप से इसके रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क "वेजी डिलाइट" और "Subway CLUB" के समान है। यह समान या काफी समान साइनेज, आउटलेट डेकोर, मेनू कार्ड, पेपर नैपकिन और स्टाफ की वर्दी के उपयोग से भी व्यथित है।

    जस्टिस शंकर ने कहा कि रेस्तरां, काउंटर, स्टाफ की वर्दी और मेनू कार्ड के लेआउट में समानता को लेकर कोई भी व्यक्ति कानून में एकाधिकार का दावा नहीं कर सकता है।

    अदालत ने कहा,

    "जैसा कि इस देश में कानून संचालित होता है, भले ही प्रतिवादी के रेस्तरां की सजावट, लेआउट, या उपस्थिति समान हो, वादी के समान ही रहने दें, जो न्यायालय द्वारा निषेधाज्ञा के आदेश को सही नहीं ठहरा सकता है।"

    अदालत इस प्रकार सबमरीन लिमिटेड बनाम बीकास, सबमरीन लिमिटेड बनाम एम्मा फूड्स और सबमरीन बनाम हरालांबोस वुल्ट्सोस में कनाडा की अदालत के तीन निर्णयों से भिन्न है, जो सबमरीन सैंडविच परोसने वाले आउटलेट से संबंधित है।

    जस्टिस शंकर ने कहा कि फ्रैंचाइजी का टाइटल- "मिस्टर सबमरीन" विशेष प्रकार के "सैंडविच के लिए उपनाम" के रूप में "सबमरीन" के उपयोग की समानता की गवाही देता है।

    अदालत ने कहा,

    इसलिए जब इस तरह के भोजनालयों के संदर्भ में "SUB" का इस्तेमाल किया जाता है तो यह सार्वजनिक ज्यूरिस होता है।"

    21 दिसंबर, 2022 को प्रतिवादियों को यह जांचने के लिए सक्षम करने के लिए मामले को स्थगित कर दिया गया कि क्या वे ऐसे संशोधन कर सकते हैं, जो Subway को संतुष्ट करेंगे कि वे अब इसके ट्रेडमार्क का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।

    तदनुसार, प्रतिवादियों ने Subway को ई-मेल भेजा, जिसमें उनके लोगो में कुछ बदलाव करने की पेशकश की गई। साथ ही उनके रेस्तरां के बाहर साइनेज में उपयोग किए जाने वाले रंग संयोजन किया गया।

    ईमेल में कहा गया कि प्रतिवादी साइनेज या एस लोगो में पीले या हरे रंग का उपयोग नहीं करेंगे और वे उन वेबसाइटों को हटा देंगे, जिन्होंने Subway की वेबसाइट से नकल किया है। यह भी निर्णय लिया गया कि सैंडविच के नाम "वेजी डिलीशियस" और "सब ऑन ए क्लब" को बदलकर "वेज लोडेड रेगुलर" और "टोर्टा क्लब" कर दिया जाएगा।

    अंतरिम राहत से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने सजावट, लेआउट, वॉल हैंगिंग, मेनू कार्ड और कर्मचारियों की वर्दी और उसके आउटलेट को संशोधित किया, जिससे Subway के साथ कोई समानता न रहे।

    अदालत ने कहा,

    "जबकि मैं दोहराता हूं कि भले ही ये विशेषताएं समान हैं, उस आधार पर वादी द्वारा निषेधाज्ञा का कोई दावा नहीं किया जा सकता। प्रतिवादियों द्वारा किए गए संशोधन के मद्देनजर, यह मुद्दा विचार योग्य नहीं है। जैसा कि अभी प्रतिवादी और वादी के बीच इन पहलुओं पर भी कोई समानता नहीं है।”

    इस प्रकार अदालत ने कथित रूप से उल्लंघनकारी निशान का उपयोग नहीं करने के वचन के साथ एक सप्ताह की अवधि के भीतर परिवर्तन करने वाले प्रतिवादियों के अधीन Subway का आवेदन खारिज कर दिया।

    केस टाइटव: Subway आईपी एलएलसी बनाम इन्फिनिटी फूड और ओआरएस।

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