"सर्वेक्षण के दौरान जब्त की गई सामग्री सुरक्षित कस्टडी में": दिल्ली हाईकोर्ट ने डेटा के लीक होने के संबंध में दायर की गई न्यूजलॉन्ड्री की याचिका का निपटारा किया

LiveLaw News Network

21 Sept 2021 7:44 PM IST

  • सर्वेक्षण के दौरान जब्त की गई सामग्री सुरक्षित कस्टडी में: दिल्ली हाईकोर्ट ने डेटा के लीक होने के संबंध में दायर की गई न्यूजलॉन्ड्री की याचिका का निपटारा किया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को समाचार पोर्टल न्यूज़लॉन्ड्री और उसके सीईओ अभिनंदन सेखरी द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया।

    हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा आयकर विभाग उस आश्वासन के बाद किया जिसमें उसने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान जब्त की गई सामग्री सुरक्षित कस्टडी में है।

    विभाग की ओर से पेश अधिवक्ता अजीत शर्मा ने प्रस्तुत किया कि विचाराधीन डेटा लीक नहीं किया जाएगा। आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत निहित गोपनीयता की अवधारणा का पालन किया जाएगा और जब्त की गई सामग्री का उपयोग केवल कानून के अनुसार किया जाएगा।

    न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने दलील को रिकॉर्ड में लेते हुए स्पष्ट किया कि विभाग आश्वासन के लिए बाध्य है।

    शर्मा ने कहा,

    "मेरे पास मौखिक निर्देश हैं कि जब्त की गई सामग्री आयकर विभाग की सुरक्षित कस्टडी में है और इसे लीक नहीं किया जाएगा। ऐसी सामग्री को लीक करना अन्यथा भी अवैध है। मैं सकारात्मक बयान दे सकता हूं कि यह सुरक्षित कस्टडी में है।"

    इस पर बेंच ने इस प्रकार टिप्पणी की:

    "आप कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं। आपको प्रयास करना चाहिए कि सामग्री लीक न हो।"

    बेंच ने कहा कि आयकर विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जब्त की गई सामग्री सुरक्षित कस्टडी में है और इसका उपयोग केवल जांच के उद्देश्य से किया जाएगा।

    शर्मा ने कहा,

    "हम कानून के अनुसार इसका इस्तेमाल करेंगे और अगर कोई अन्य एजेंसी चाहती है तो इसे साझा करेंगे, जैसा कि कानून के तहत अनुमति है।"

    अदालत ने कहा,

    "प्रतिवादी (आयकर विभाग) द्वारा दिए गए उक्त वचन को स्वीकार किया जाता है और विभाग को इसके लिए बाध्य किया जाता है।"

    अदालत ने याचिकर्ता को यह भी स्वतंत्रता दी कि यदि आवश्यक हो और वह ऐसा महसूस करे तो बाद में भी वह न्यायालय में प्रार्थना कर सकता है।

    इससे पहले, न्यायालय ने आयकर विभाग को अपने कार्यालय में हाल ही में एक आईटी सर्वेक्षण के दौरान जब्त किए गए डेटा के रिसाव की आशंका पर दायर पोर्टल्स याचिका पर निर्देश लेने के लिए कहा था।

    अधिवक्ता निपुण कत्याल के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि उन्हें लगता है कि उनके निजी डेटा का आयकर या किसी अन्य कानूनी कार्यवाही के प्रयोजनों के लिए कोई आपत्तिजनक या प्रासंगिक सामग्री नहीं है, उसे सार्वजनिक डोमेन में दुरुपयोग, लीक या अवैध रूप से जारी किया जा सकता है।

    याचिका में कहा गया,

    "यह आशंका अच्छी तरह से स्थापित है क्योंकि प्रतिवादी ने इसे जब्त करने के बाद डेटा का हैश वैल्यू नहीं दिया (जो वे आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 133 ए के तहत एक सर्वेक्षण में करने के हकदार नहीं थे)। इसलिए, याचिकाकर्ता विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत करते हैं कि यह सबसे जरूरी है कि यह माननीय न्यायालय याचिकाकर्ताओं की निजता के अधिकार की रक्षा और संरक्षण करता है और प्रतिवादी को बार-बार तलाशी और सर्वेक्षण करके जानबूझकर उत्पीड़न करने से रोकता है।"

    सार्वजनिक डोमेन में निजी डेटा जारी होने का डर व्यक्त करते हुए याचिका में आगे कहा गया कि आईटी विभाग के अधिकारियों ने न्यूज़लॉन्ड्री के सीईओ अभिनंदन सेखरी को एक घंटे के भीतर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से व्यक्तिगत डेटा को हटाने के लिए कहा, लेकिन दो के कारणों से ऐसा करना असंभव था। पहला कारण, सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में प्रासंगिक व्यक्तिगत डेटा का पता लगाने के लिए; और दूसरा एक घंटे में 190 जीबी डेटा डिलीट करना।

    याचिका में कहा गया,

    "इस काम में कम से कम तीन दिन लगते हैं। यह उल्लेख करना उचित है कि आयकर के उद्देश्य के लिए प्रासंगिक डेटा को छानना याचिकाकर्ताओं के बजाय प्रतिवादी प्राधिकरण के अधिकारियों का काम था।"

    याचिका में यह भी कहा गया कि आईटी अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं को अन्य अप्रासंगिक दस्तावेजों को जब्त करने का कोई कारण नहीं बताया।

    याचिका में कहा गया,

    "याचिकाकर्ता खोजी पत्रकारिता करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में संवेदनशील पत्रकारिता डेटा और याचिकाकर्ता नंबर दो का व्यक्तिगत डेटा होता है। यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि यदि उक्त डेटा लीक हो जाता है, तो यह गोपनीयता का अत्यधिक उल्लंघन होगा और इससे याचिकाकर्ताओं को अपूरणीय क्षति होगी।"

    आईटी विभाग के अधिकारियों द्वारा 10 सितंबर को न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यालय परिसर में सर्वेक्षण किया गया था।

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