COVID- "उन परिवारों की पहचान करें जिन्हें COVID के कारण स्लम क्षेत्रों में खाद्यान्न, अन्य सामग्री के रूप में सहायता की आवश्यकता है": गुवाहाटी हाईकोर्ट ने DLSA को निर्देश दिया

LiveLaw News Network

21 Jun 2021 6:52 AM GMT

  • COVID- उन परिवारों की पहचान करें जिन्हें COVID के कारण स्लम क्षेत्रों में खाद्यान्न, अन्य सामग्री के रूप में सहायता की आवश्यकता है: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने DLSA को निर्देश दिया

    Gauhati High Court

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कामरूप को निर्देश दिया है कि वे ऐसे परिवारों की पहचान करें, जो COVID-19 के कारण स्लम क्षेत्रों में खाद्यान्न और अन्य आवश्यक आपूर्ति के रूप में सहायता चाहते हैं।

    मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक की खंडपीठ ने आदेश दिया:

    "सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कामरूप (मेट्रो) अपने पैरा लीगल वालंटियर्स को स्लम क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में तैनात करेगा, जहां हाशिए पर रहने वाले परिवारों और अन्य ऐसे परिवारों की पहचान की जा सकती है, जिन्हें COVID-19 महामारी के इस दौर में खाद्यान्न और अन्य सामग्री के रूप में सहायता की आवश्यकता है।"

    कोर्ट ने डीएलएसए के सचिव को यह भी निर्देश दिया कि वे जिला आयुक्त को परिवारों की ऐसी पहचान के बारे में सूचित करें, जो तब सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सभी आवश्यक वस्तुएं और खाद्यान्न दिया जाए।

    कोर्ट ने कहा,

    "सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कामरूप (मेट्रो) अपने पैरा लीगल वालंटियर्स के माध्यम से ऐसे परिवारों की पहचान करेगा, जिन्हें वर्तमान COVID-19 महामारी में मदद की आवश्यकता है और उपायुक्त, कामरूप (मेट्रो) को सूचित करेंगे, जो पुष्टि के बाद यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा परिवारों को भोजन के रूप में और अन्य दैनिक सहायता के रूप में तुरंत सहायता दी जाए।"

    एक अन्य याचिका में चिंता जताई गई थी कि कामरूप जिले में होराइजन कालोनियों में रहने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को COVID-19 महामारी के मद्देनजर खाद्यान्न और अन्य आपूर्ति प्रदान नहीं की गई है।

    दोनों पक्षों को सुनते हुए अदालत ने मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए राज्य को दो सप्ताह का समय दिया।

    अब इस मामले की सुनवाई 13 जुलाई को होगी।

    इसी तरह के अन्य मामले में उसी पीठ ने पहले जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, कछार को जिले के उपायुक्त द्वारा पहचाने गए यौनकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को तत्काल राशन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

    न्यायालय ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह अदालत को इस बारे में अवगत कराए कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन असम राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के माध्यम से असम में यौनकर्मियों को कैसे राहत देगा और इसके लिए उनकी पहचान कैसे की जाएगी।

    शीर्षक: सैयदा मेहज़ेबिन रहमान बनाम भारत सरकार और पांच अन्य।

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