राज्य में सभी न्यायाधीशों के संबंध में सुरक्षा, बायोमेट्रिक और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करने में कितना समय लगेगा : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा

LiveLaw News Network

25 Nov 2021 1:19 PM GMT

  • राज्य में सभी न्यायाधीशों के संबंध में सुरक्षा, बायोमेट्रिक और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करने में कितना समय लगेगा : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि उत्तर प्रदेश राज्य में सभी न्यायाधीशों के संबंध में सुरक्षा, बायोमेट्रिक और सीसीटीवी कैमरों के संबंध में व्यवस्था करने में कितना समय लगेगा।

    न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने बिजनौर जिला न्यायालय में गोलीकांड की घटना के बाद उत्तर प्रदेश राज्य में सभी न्यायालय परिसरों में सुरक्षा से संबंधित एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका में सवाल उठाया।

    कोर्ट ने राज्य की ओर से पेश होने वाले वकील को स्पष्ट रूप से यह बताने के लिए एक सप्ताह का समय दिया कि आजमगढ़ और लखनऊ जजशिप में बायोमेट्रिक्स कब तक लगाए जाएंगे और इन्हें कब तक कार्यात्मक बनाया जाएगा।

    इसके साथ ही मामले को 2 दिसंबर 2021 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

    इस मामले में पिछली सुनवाई में विभिन्न जजशिप में तैनात सुरक्षा कर्मियों की कमी को देखते हुए कोर्ट ने राज्य को प्रत्येक जजशिप में वास्तविक स्वीकृत और तैनात सुरक्षा कर्मियों का जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।

    न्यायालय ने 23 नवंबर को इस संबंध में यूपी सरकार के हलफनामे का अवलोकन किया। न्यायालय उसमें दिए गए कथनों से संतुष्ट नहीं था क्योंकि उसने कहा कि जमीन पर काम अभी तक आगे नहीं बढ़ रहा है।

    गौरतलब है कि सितंबर 2021 के अपने आदेश में कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार ने राज्य की निचली अदालतों में वकीलों / वादियों के लिए गेट ऑटोमेशन, बायो-मीट्रिक सिस्टम और गेट पास के संबंध में कोई प्रगति नहीं की है।

    उल्लेखनीय है कि पिछले साल मार्च में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी निचली अदालतों को निर्देश दिया था कि अधिवक्ताओं को उनका रजिस्ट्रेशन नंबर प्रस्तुत करने पर ही पेश होने की अनुमति दी जाए।

    हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर, 2019 और 2 जनवरी, 2020 के आदेशों के तहत अदालत परिसर में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश पारित किए थे।

    17 जनवरी 2020 के आदेश के तहत हाईकोर्ट ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, रिस्पॉन्स टीमों की नियुक्ति, अदालत परिसर में वाहनों के प्रतिबंधित प्रवेश, चारदीवारी का निर्माण आदि मामलों पर दायर अनुपालन हलफनामे को रिकॉर्ड में लिया।

    केस शीर्षक- उत्तर प्रदेश राज्य में सभी न्यायालय परिसरों में सुरक्षा और संरक्षण से संबंधित स्वत: संज्ञान मामला

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