हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में बढ़ते नकली दवाओं के व्यापार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की; सरकार से जवाब मांगा
Shahadat
14 Dec 2022 12:20 PM IST

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस एए सैयद और जस्टिस ज्योत्सना रेवल दुआ की खंडपीठ ने राज्य में नकली दवाओं के अवैध कारोबार के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की।
कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए कहा,
"जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश के बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में नकली दवाओं के व्यापार का अवैध कारोबार दिन-ब-दिन फल-फूल रहा है" और इस तरह की "नकली दवाओं ने नागरिकों और आम आदमी के स्वास्थ्य को प्रभावित किया।"
इसने विभिन्न समाचार पत्रों की रिपोर्टों के आधार पर संज्ञान लिया है, जिनमें बद्दी में आर्य फार्मा के परिसर से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की नकली दवाओं की जब्ती की सूचना दी गई। कोर्ट ने कहा कि जब्त की गई दवाओं को बिना मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस के यूनिट में बनाया जा रहा है।
ऐसी ही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (DCA) ने एक छापे के बाद एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के विभिन्न प्रमुख फार्मास्युटिकल ब्रांडों की दवाओं की खोज की, जो अवैध रूप से निर्मित की जा रही थी। तदनुसार डीसीए ने अधिनियम की धारा 18 (ए) (i) और सपठित ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम, 1940 की धारा 17 के के तहत मामला दर्ज किया।
हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों से कहा कि वे अब तक उठाए गए कदमों का ब्योरा देते हुए हलफनामा दाखिल करें।
कोर्ट ने यह भी कहा,
"इसमें शामिल मुद्दे के महत्व को ध्यान में रखते हुए हम उत्तरदाताओं को विशेष रूप से यह बताते हुए जनाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हैं कि अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और नकली दवाओं के निर्माण को रोकने के लिए उत्तरदाताओं ने क्या कदम उठाने का प्रस्ताव दिया है। हम निर्देश देते हैं कि हलफनामा प्रतिवादी नंबर 2 - हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) और प्रतिवादी नंबर 7 - राज्य औषधि नियंत्रक बद्दी, जिला सोलन का संयुक्त हलफनामा होना चाहिए।"
मामले की सुनवाई 26 दिसंबर को होनी है।
केस टाइटल: कोर्ट ऑन ओन मोशन बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य
साइटेशन: CWPIL नंबर 83/2022
कोरम: चीफ जस्टिस ए.ए. सैयद और जस्टिस ज्योत्सना रेवल दुआ
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