हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 'मसाज पार्लस की आड़ में' चल रहे 'वेश्यावृत्ति के धंधों' के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया

Shahadat

26 Nov 2022 8:20 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि "मसाज पार्लरों की आड़ में" वेश्यावृत्ति के धंधों को संचालित होने से रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएं।

    चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में "सेक्स रैकेट या अवैध देह व्यापार" के संचालन के खिलाफ अतीत बंसल द्वारा दायर जनहित याचिका का निस्तारण किया।

    बंसल ने तर्क दिया कि मसाज पार्लर की आड़ में चल रहे सेक्स रैकेट के धंधे महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी उनकी शिकायतों पर कार्रवाई करने में विफल रहे हैं।

    पीठ ने दिल्ली पुलिस के उस हलफनामे का संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया कि जब भी मसाज पार्लर की आड़ में चल रहे वेश्यावृत्ति रैकेट के संबंध में कोई सूचना या शिकायत प्राप्त होती है तो आवश्यक कार्रवाई की जाती है।

    खंडपीठ ने कहा,

    "यह देखते हुए कि दिल्ली पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर रही है, इस न्यायालय की राय है कि प्रतिवादी नंबर एक द्वारा पहले से जारी निर्देशों के आलोक में वर्तमान याचिका में कोई और आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। प्रतिवादी पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि मसाज पार्लरों की आड़ में वेश्यावृत्ति के धंधों को संचालित होने से रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएं।

    दिल्ली पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि सभी डीसीपी को निर्देश जारी किए गए कि वे मसाज पार्लरों पर नजर रखें और अगर वे वहां कोई अवैध गतिविधि देखते हैं तो उचित कानूनी कार्रवाई करें।

    बंसल ने तर्क दिया कि सेक्स रैकेट और वेश्यावृत्ति के धंधे अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 की धारा 8 के सीधे उल्लंघन में हैं और अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का भी उल्लंघन करते हैं और अनुच्छेद 23 के तहत तस्करी के निषेध के खिलाफ जाते हैं।

    केस टाइटल: अतीत बंसल बनाम पुलिस आयुक्त, दिल्ली और अन्य

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