दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इंदिरा गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रिक्त पदों को छह महीने के भीतर भरने का निर्देश दिया

Shahadat

3 Aug 2022 1:18 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को शहर के द्वारका इलाके के इंदिरा गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रिक्त पदों को छह महीने की अवधि के भीतर भरने का निर्देश दिया।

    चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव को भी निर्देश दिया कि वह हर 6 महीने के बाद बेड नंबर और उक्त अस्पताल में जनशक्ति बढ़ाने के लिए समय-समय पर समीक्षा करें।

    अदालत ने कहा,

    "अस्पताल द्वारका और उसके आसपास के लोगों की जरूरतों को पूरा कर रहा है। वहां कोई अन्य सरकारी अस्पताल नहीं है।"

    कोर्ट ने इसके साथ ही COVID-19 दूसरी लहर के बीच द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा किया। इस याचिका में दिल्ली सरकार को अस्पताल के निर्माण को पूरा करने और सभी बुनियादी सुविधाओं, ढांचे और कर्मचारियों की नियुक्ति करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

    इस साल अप्रैल में दिल्ली सरकार द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया कि अस्पताल पूरी तरह से काम कर रहा है। इसमें 13 विशेषज्ञ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैनात किए गए हैं।

    कोर्ट को यह भी बताया गया कि अस्पताल में सभी 18 पदों पर 299 नर्सिंग ऑफिसर के साथ जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर की तैनाती की गई है। साथ ही बताया गया कि ओपीडी में प्रति दिन एक हजार मरीजों का इलाज किया जा रहा है और 1406 मरीजों को आपातकालीन सेवाओं के तहत इलाज दिया जा रहा है।

    कोर्ट ने कहा,

    "उपरोक्त स्टेटस रिपोर्ट में अस्पताल द्वारा लगाए गए जनशक्ति की स्थिति भी शामिल है और 1204 स्वीकृत पदों के मुकाबले 1013 कर्मचारी उपलब्ध हैं।"

    कोर्ट ने दिल्ली सरकार को खाली स्टाफ पदों को भरने और हर 6 महीने के बाद समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।

    इस साल मार्च में अदालत ने दिल्ली सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अस्पताल में शीघ्र नियुक्तियों के लिए अपने पिछले निर्देश का पालन करने में विफलता के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी दी थी।

    इससे पहले, कोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव को साप्ताहिक आधार पर परियोजना की प्रगति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने का निर्देश दिया था और किसी भी चूक या लापरवाही के दोषी लोगों के लिए उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।

    कोर्ट ने सरकार को यह भी बताने का आदेश दिया कि यह सुविधा कब काम करेगी। राज्य सरकार द्वारा बताई गई समय-सीमा तक यदि सुविधा ने काम करने न शुरू किया तो इसके परिणाम होंगे।

    केस टाइटल: द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन बनाम राज्य (एनसीटी दिल्ली) और अन्य।

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