हाईकोर्ट ने शहर में वर्षा जल संचयन प्रयासों की कमी पर स्वत: संज्ञान मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को समय दिया

Shahadat

4 July 2022 9:41 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र, दिल्ली सरकार और अन्य अधिकारियों को शहर में विभागों द्वारा किए गए वर्षा जल संचयन प्रयासों की कमी के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।

    चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने आदेश दिया:

    "प्रतिवादियों को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दर्ज करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।"

    अब मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को तय की गई है।

    जस्टिस जसमीत सिंह और जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की खंडपीठ द्वारा हाल ही में स्वत: संज्ञान लेने के बाद विकास हुआ। कोर्ट ने यह देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया कि शहर के भीतर मानसूनी बारिश के पानी का ठीक से संचयन नहीं किया जाता है। बेंच ने 18 जून, 2022 को टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक आर्टिकल पर संज्ञान लिया।

    कोर्ट ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि मानसून के मौसम के कारण और अन्यथा शहर में भारी ट्रैफिक जाम होता है। इसमें यह भी कहा गया कि उक्त मुद्दे को आसानी से वर्षा जल प्रबंधन के साथ-साथ गूगल मैप की सहायता से तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है जो शहर के विभिन्न हिस्सों में ट्रैफिक जाम दिखाता है।

    कोर्ट ने इसलिए केंद्र को शहरी विकास मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय, दिल्ली सरकार, एमसीडी के डीडीए आयुक्त, पीडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव, पुलिस आयुक्त, सी.पी. (यातायात), दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली छावनी बोर्ड, एनडीएमसी और बाढ़ सिंचाई विभाग विशेष के माध्यम से नोटिस जारी किया।

    विभागों द्वारा निम्नलिखित दो पहलुओं पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया:

    - एजेंसियों द्वारा वर्षा जल के भंडारण और संचयन के लिए उठाए गए कदम;

    - मानसून और अन्य अवधियों के दौरान दिल्ली में ट्रैफिक जाम/खरोंच को दूर करने और कम करने के लिए उठाए गए कदम।

    केस टाइटल: स्वतः संज्ञान बनाम गवर्नेमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली एंड अदर्स।

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