"वैक्सीन खरीद के मामले में लाचार हैं": गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट में कहा

LiveLaw News Network

27 May 2021 5:36 AM GMT

  • वैक्सीन खरीद के मामले में लाचार हैं: गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट में कहा

    Gujarat High Court

    गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार (26 मई) को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे में सुधार और जनता में बड़े पैमाने पर म्यूकर माइकोसिस के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करे।

    राज्य सरकार ने टीकों के पर्याप्त स्टॉक की खरीद ना कर पाने की असहायता पर कहा कि राज्य सरकार ने 3 करोड़ टीकों की खरीद के लिए आदेश दिए हैं, मगर निर्माताओं ने उक्त टीकों की डिलीवरी की कोई समयसीमा नहीं दी है, क्योंकि दुनिया में केवल सात वैक्सीन निर्माता हैं और वे मांग को पूरा कर पाने की स्थिति में नहीं हैं।

    जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस बीडी करिया की पीठ ने राज्य सरकार को लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन (म्यूकोर्मिकोसिस रोग के इलाज में प्रभावी) के वितरण की नीति को और अधिक पारदर्शी, विशिष्ट और प्रभावी बनाने का निर्देश दिया।

    कोर्ट की टिप्पणियां

    बेंच ने कहा कि उम्मीद की एक किरण यह है कि स्थिति में सुधार हुआ है, हालांकि, "COVID-19 की लहर की प्रवृत्ति पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। COVID-19 के मामलों की भयावहता और इसके कम होने पर कोर्ट का विचार है कि राज्य को आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए और तीसरी लहर को रोकने के लिए अपना बेहतर देने का प्रयास जारी रखना चाहिए, जैसा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने समझा है।"

    कोर्ट ने कहा कि उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक केंद्रों में न केवल मशीनों की व्यवस्‍था करके बल्कि स्थायी रूप पर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति करके ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है। .

    राज्य सरकार को दिए गए निर्देश

    -बीमारी जिसे अब महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत उल्लेखनीय बीमारी माना जा चुका है, के संबंध में आधिकारिक वीडियो जारी करना और संबंध‌ित साहित्य को व्यापक रूप से प्रकाशित करना जनता के हित में होगा और अधिक फायदेमंद होगा।

    -लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन के वितरण को व्यवस्थित करने, कुशल और समयबद्ध प्रणाली विकस‌ित करने के लिए, राज्य की नीति को प्रत्येक जिले में गठित प्राधिकरण / विशेषज्ञ निकाय को अधिसूचित किया जाए, साथ ही अस्पतालों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया अर्थात सरकार/निगम/निजी अस्पतालों द्वारा लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की खरीद की नीति को अधिसूचित किया जाए।

    -उक्त अस्पतालों को किए गए आवंटन और अस्पतालों द्वारा इंजेक्शन के किए गए उपयोग की जानकारी को स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।

    -उक्त इंजेक्शनों के उपयोग के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए संबंधित अस्पतालों को भी जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।

    राज्य सरकार की प्रस्तुतियां

    राज्य सरकार ने कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि वह कोर्ट द्वारा उठाए गए अधिकांश मुद्दों को सुलझाने में कोशिश कर रही है और समर्पित COVID अस्पतालों और समर्पित हेल्‍थ केयर सेंटर में COVID-19 रोगियों को उपचार प्रदान करने के लिए तंत्र स्‍थापित किया गया है। साथ ही उक्त अस्पतालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण के लिए भी तंत्र स्‍थापित किया गया है।

    टीकाकरण के मुद्दे पर राज्य सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं कि स्पेशल होम्स और चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूशंस में कार्यरत सभी व्यक्तियों को COVID टीकाकरण के लिए अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता के रूप में विचार किया जाए।

    लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन, जिसका उपयोग म्यूकर माइकोसिस रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है, की कमी के संबंध में, राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया कि सभी जिलों / निगमों में वितरण प्रणाली स्थापित की गई है।

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