वह तय नहीं कर सकता कि उसे जेल से कैसे लाया जाए: दिल्ली कोर्ट ने दंगों के आरोपी शाहरुख पठान की अलग वैन की मांग पर कहा

LiveLaw News Network

6 Dec 2021 8:45 AM GMT

  • वह तय नहीं कर सकता कि उसे जेल से कैसे लाया जाए: दिल्ली कोर्ट ने दंगों के आरोपी शाहरुख पठान की अलग वैन की मांग पर कहा

    दिल्ली कोर्ट ने पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी शाहरुख पठान की जेल से कोर्ट लाने के लिए अलग वैन की मांग को खारिज कर दिया। लॉकअप इंचार्ज द्वारा दायर एक आवेदन में कहा गया कि दंगों के आरोपी शाहरुख पठान ने जेल वैन में सवार होने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह एक अलग वैन में कोर्ट जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि पठान यह निर्देश नहीं दे सकता कि उसे अदालत में कैसे लाया जाए।

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि किसी व्यक्ति से किसी विशेष खतरे की आशंका के बिना शाहरुख पठान अपने लिए एक अलग वैन नहीं मांग सकता।

    पठान के खिलाफ जाफराबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर 51/2020 में मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर उस घटना से संबंधित है जिसमें पठान को एक पुलिसकर्मी पर बंदूक तानते हुए देखा गया था। उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया और इंटरनेट पर वायरल हो गई थीं।

    कोर्ट ने कहा,

    "चूंकि उसे एक अलग बाड़े/खरजा वाली वैन में लाया गया है, जहां एक ही वैन में अन्य विचाराधीन कैदी आरोपी तक शारीरिक रूप से नहीं पहुंच सकते हैं, यह उद्देश्य पर्याप्त होना चाहिए। किसी भी मामले में जब आरोपी शाहरुख पठान को नियमित रूप से अदालत में पेश किया जा रहा है, वह किसी को यह निर्देश नहीं दे सकता कि उसे अदालत में कैसे लाया जाए।"

    कोर्ट ने यह भी कहा कि पठान के वकील ने किसी विशेष कारण का हवाला देते हुए उनके लिए एक अलग वैन का अनुरोध करने का कोई आवेदन नहीं किया था।

    लॉकअप इंचार्ज ने प्रस्तुत किया कि प्रत्येक आरोपी व्यक्ति के लिए संसाधनों को ध्यान में रखते हुए अलग से जेल वैन की सुविधा प्रदान करना संभव नहीं होगा।

    यह भी प्रार्थना की गई कि पठान को हथकड़ी में कोर्ट में लाया जाए। इसके अलावा, शाहरुख पठान का एक हाथ से लिखित बयान भी कोर्ट में दायर किया गया था। इसमें कहा गया था कि वह अलग खरजा वाली वैन में नहीं जाना चाहता। उसके लिए एक अलग वैन भेजी जानी चाहिए।

    अदालत ने मामले की सुनवाई सात दिसंबर तक के लिए स्थगित करते हुए कहा,

    ''आरोपी को अलग-अलग बाड़े/खरजा वाली जेल वैन में उक्त तारीख को लाया जाए। वर्तमान आवेदन को अगली तारीख तक लंबित रखा जा रहा है।''

    एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 34, 120 बी, 147, 148, 149, 153ए, 186, 188, 307, 353, 505 और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत आरोप शामिल हैं।

    हाल ही में मामले में आरोपमुक्त करने की मांग करते हुए पठान ने दलील दी थी कि उसका इरादा केवल बंदूक दिखाकर पुलिस अधिकारी को डराना था। उसका इरादा किसी को मारने का नहीं था।

    केस टाइटल: स्टेट बनाम शाहरुख पठान

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