यदि 19 फरवरी तक फायर सेफ्टी एनओसी न ली जाए तो अस्पतालों को मरीज एडमिट करने से रोका जाएः गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया

LiveLaw News Network

30 Jan 2021 5:15 PM GMT

  • यदि 19 फरवरी तक फायर सेफ्टी एनओसी न ली जाए तो अस्पतालों को मरीज एडमिट करने से रोका जाएः गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया

    गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार (29 जनवरी) को अहमदाबाद के 151 अस्पतालों को ''एक आखिरी अवसर'' प्रदान किया है ताकि वह अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) से अग्नि सुरक्षा पर 19 फरवरी तक वैध अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त कर सकें।

    न्यायमूर्ति जे.बी.परदीवाला और न्यायमूर्ति इलेश जे वोरा की खंडपीठ ने एएमसी को निर्देश दिया है कि वह इन 151 अस्पतालों को नोटिस जारी करें और उनको निर्देश दें कि वह 19 फरवरी 2021 तक एनओसी प्राप्त कर लें।

    कोर्ट ने आगे कहा,

    ''ऐसा न करने पर अस्पतालों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कदम उठाए जाएं और प्रबंधन को इन अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने से भी रोका जाए।''

    मामले की पृष्ठभूमि

    गुजरात हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर 2020 को दिए एक आदेश के तहत विभिन्न निर्देश जारी किए थे और अहमदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया गया था कि वह उन सभी अस्पतालों के बारे में विचार करे जो बिना वैध एनओसी के कार्य कर रहे हैं।

    कोर्ट के आदेश के अनुसार, निगम ने (21 दिसंबर 2020 को)एक नोटिस जारी किया और सभी अस्पतालों को सूचित किया कि वह नियमों और विनियमों के अनुसार 15 दिनों के भीतर एक वैध एनओसी प्राप्त कर लें। साथ ही कहा गया था कि अगर अस्पताल ऐसा करने में नाकाम रहें तो उनके खिलाफ निगम द्वारा उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

    हालाँकि, यह प्रस्तुत किया गया कि समयावधि समाप्त होने के बाद भी 151 अस्पतालों ने अभी तक न्यायालय के 15 दिसम्बर के आदेश का अनुपालन नहीं किया। जबकि इस संबंध में सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया गया है और एएमसी ने चेतावनी भी दी थी।

    कोर्ट के समक्ष एएमसी की सबमिशन

    अदालत ने मामले की शुरूआत में ही कहा कि निगम से यह अपेक्षा की गई थी कि वह 21 दिसंबर 2020 को जारी किए गए सार्वजनिक नोटिस के अनुसार नियमों का पालन न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू कर देता।

    हालांकि, एएमसी ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह सभी 151 अस्पताल अहमदाबाद नगर निगम से वैध एन.ओ.सी. प्राप्त करने के उद्देश्य से आवश्यक अग्निशमन उपकरण स्थापित करने व अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।

    आगे यह भी प्रस्तुत किया गया कि इन 151 अस्पतालों को कुछ उचित समय दिया जाना चाहिए ताकि वे सभी आवश्यक आवश्यकताओं का पालन करने में सक्षम हो सकें और एक वैध एनओसी प्राप्त कर सकें।

    दूसरी ओर, एडवोकेट अमित पांचाल ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर कोर्ट के सामने कहा कि अब निगम को इन 151 अस्पतालों को वैध एनओसी प्राप्त करने के लिए कुछ और समय देने की बजाय इनके खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई करना शुरू कर देना चाहिए। चूंकि इस समय यह सभी अस्पताल बिना एनओसी के चल रहे हैं।

    एडवोकेट पांचाल ने आगे कहा - भगवान न करें, अगर इन 151 अस्पतालों में से किसी में भी कोई दुर्घटना हो जाए, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।

    कोर्ट का अवलोकन

    यह देखते हुए कि निगम को अपनी सार्वजनिक सूचना के मद्देनजर इन सभी 151 अस्पतालों के खिलाफ अब तक उचित कदम उठा लेने चाहिए थे, हालांकि कोर्ट ने कहा,

    ''फिर भी हम इन 151 अस्पतालों को कानून के अनुसार निगम से वैध एन.ओ.सी. प्राप्त करने का एक आखिरी अवसर देना चाहते हैं। जो कुछ भी करने की आवश्यकता है, वह 26 फरवरी 2021 तक लिया जाए।''

    न्यायालय ने निगम को निर्देश दिया है कि वह सभी 151 अस्पतालों को नोटिस जारी करें और उनको निर्देश दें कि वह 19 फरवरी 2021 तक एनओसी प्राप्त कर लें,अन्यथा अस्पतालों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कदम उठाए जाएं, जिसमें प्रबंधन को अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती करने से रोकना भी शामिल है।

    अंत में, मामला आगे की सुनवाई के लिए 26 फरवरी को पोस्ट कर दिया गया।

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