"यह एक गंभीर मामला, इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता", दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहिणी कोर्ट हॉल के अंदर हुई गोलीबारी की घटना का स्वत: संज्ञान लिया

LiveLaw News Network

30 Sep 2021 12:59 PM GMT

  • यह एक गंभीर मामला, इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता, दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहिणी कोर्ट हॉल के अंदर हुई गोलीबारी की घटना का स्वत: संज्ञान लिया

    दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने रोहिणी कोर्ट हॉल के अंदर हुई गोलीबारी की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की खंडपीठ ने शुरुआत में कहा, "यह एक गंभीर मामला है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।"

    कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त, गृह मंत्रालय और केंद्रीय कानून मंत्रालय को प्रतिवादी पक्षों के रूप में शामिल किया। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सहित दिल्ली के सभी बार एसोसिएशन को भी प्रतिवादी के रूप में जोड़ा है।

    उपरोक्त सभी हितधारकों को राष्ट्रीय राजधानी के सभी न्यायालयों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और मजबूत करने के लिए अपने सुझाव दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।

    बेंच ने अपने आदेश में कहा,

    -दिल्ली के सभी न्यायालय परिसरों में पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की आवश्यकता है;

    -अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी आवश्यकता है, उन्हें चौबीसों घंटे काम करना चाहिए;

    -हाईकोर्ट सहित दिल्ली के सभी न्यायालय परिसरों में भी फुल प्रूफ इंट्री सिस्टम की आवश्यकता है;

    -हाई-टेक मेटल डिटेक्टर और बैगेज स्कैनर की स्थापना भी आवश्यक है;

    कोर्ट ने कहा कि सभी सुझाव दिल्ली पुलिस आयुक्त के साथ साझा किए जाने हैं।

    पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस विषय पर अलग से याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दे रही है और इस मामले में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति का हस्तक्षेप दर्ज करके अपने सुझाव देने का स्वागत है।

    इससे पहले ज‌स्टिस रेखा पल्ली ने फायरिंग की घटना के मद्देनजर दिल्ली जिला न्यायालयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय करने के लिए दिल्ली पुलिस और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था ।

    बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के एडवोकेट अजयिंदर सांगवान ने दावा किया था कि जिला अदालतों की सुरक्षा सुप्रीम कोर्ट के बराबर की जाएगी।

    सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका भी दायर की गई है, जिसमें यूनियन ऑफ इं‌डिया और राज्य सरकारों को अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम और उपाय करने के निर्देश देने की मांग की गई है।

    घटना से चिंतित होकर हाल ही में बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई को पत्र लिखकर कर्नाटक के सभी न्यायालयों के लिए सुरक्षा और अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को लागू करने की मांग की थी।

    केस शीर्षक: कोर्ट ऑन इट्स मोशन बनाम पुलिस आयुक्त और अन्य।

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