हरियाणा के सरकारी स्कूलों में छात्राओं का यौन उत्पीड़न, शौचालय नहीं: हाईकार्ट ने शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों से पेश होने को कहा

LiveLaw News Network

25 Nov 2023 7:09 PM IST

  • हरियाणा के सरकारी स्कूलों में छात्राओं का यौन उत्पीड़न, शौचालय नहीं: हाईकार्ट ने शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों से पेश होने को कहा

    Punjab & Haryana High Court

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, "सरकार की असंवेदनशीलता स्पष्ट है। सरकारी स्कूल कमरे, बिजली, शौचालय के साथ-साथ पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं।"

    जस्टिस विनोद भारद्वाज ने कहा कि जहां केंद्र सरकार 'स्वच्छ भारत' मिशन को सख्ती से आगे बढ़ा रही है और हर घर में शौचालय स्थापित करना चाहती है, वहीं हरियाणा में 538 बालिका विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न और मारपीट की बार-बार हो रही घटनाओं ने तस्वीर को बहुत ही खराब कर दिया है।"

    पंजाब एंड हरियाण हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2022 में हरियाणा के सरकारी स्कूलों में छात्रों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में अधिकारियों की ओर से बड़ी संख्या में विसंगतियों और निष्क्रियता को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक से एक हलफनामा मांगा था।

    हलफनामों में बताया गया कि 10 वर्षों की अवधि में 1,176.38 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं हो सका। उसी अवधि के लिए राज्य सरकार की ओर से आवंटित 13,420.97 करोड़ रुपये भी इस्तेमाल नहीं किए जा सके। न्यायालय ने उस समय कहा कि वह "आवंटित बजट का उपयोग ना होने से परेशान है" और आगे का विवरण मांगा गया।

    जस्टिस भारद्वाज ने कहा कि निदेशक द्वारा दायर हलफनामा "सांख्यिकी की बाजीगरी" से ज्यादा कुछ नहीं है, जिसमें मुख्य मुद्दों को संबोधित करने पर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखा गई है।

    कोर्ट ने कहा,

    "लड़कों और लड़कियों के स्कूलों में शौचालय के साथ-साथ बिजली कनेक्शन और पीने के पानी की सुविधाएं जैसी बुनियादी सुविधाएं किस समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराई जाएंगी, इस बारे में पूरी तरह से चुप्पी साधी गई..."

    कोर्ट ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके समाज के प्रति दायित्व को पूरा करने के लिए "जिम्मेदारी उठाने" के बजाय "बोझ को स्थानांतरित करने" के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की खिंचाई की।

    यह कहते हुए कि कोर्ट के लिए अधिक गुंजाइश नहीं है, हालांकि उन अधिकारियों की व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता है, कोर्ट ने प्रमुख सचिव, शिक्षा विभाग के साथ-साथ निदेशक, माध्यमिक शिक्षा को अगली तारीख पर न्यायालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।

    मामले को 15 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए पीठ ने कहा, ''गलतियों के लिए प्रशासनिक जिम्मेदारी तय करने का सवाल खुला रखा जाएगा।''

    Next Story