FIR दर्ज करने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची पूर्व SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच

Shahadat

3 March 2025 7:03 AM

  • FIR दर्ज करने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची पूर्व SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के दो अधिकारियों को तत्काल सुनवाई की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की, जिन्होंने शनिवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, मुंबई को उनके खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देने वाले विशेष PMLA अदालत के आदेश को चुनौती दी।

    माधबी और BSE के निदेशक सुंदररामन राममूर्ति और BSE के जनहित निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने एकल जज जस्टिस शिवकुमार दिघे के समक्ष याचिका दायर की।

    तीनों ने अदालत से माधबी, अश्विनी भाटिया, अनंत नारायण जी और कमलेश वार्ष्णेय (SEBI के तत्कालीन सदस्य) के साथ-साथ अग्रवाल और राममूर्ति के खिलाफ शनिवार को विशेष PMLA अदालत द्वारा पारित आदेश रद्द करने का आग्रह किया।

    माधवी का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए और अग्रवाल तथा राममूर्ति की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट अमित देसाई के साथ उनकी याचिका का उल्लेख किया।

    अनुरोध पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दिघे ने मामले की तत्काल सुनवाई की अनुमति दी तथा इसे मंगलवार को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।

    स्पेशल जज एस ई बांगर ने पेशे से पत्रकार सपन श्रीवास्तव (47) द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि शिकायत में "संज्ञेय अपराध" का खुलासा हुआ, इसलिए उन्होंने ACB को भारतीय दंड संहिता (IPC), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) तथा SEBI Act के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत FIR दर्ज करने तथा 30 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

    जज ने आदेश में स्पष्ट किया कि उन्होंने शिकायत में बताए गए "अपराध की गंभीरता" पर विचार किया। इसलिए दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 156(3) के तहत जांच का आदेश दिया।

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