राम जन्मभूमि मामले में फैसला देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति धर्म वीर शर्मा का निधन
LiveLaw News Network
8 May 2021 6:24 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति धर्म वीर शर्मा का लंबी बीमारी के बाद कल निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। वर्ष 2010 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद वह परिवार के साथ लखनऊ में रह रहे थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट में परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
न्यायमूर्ति धर्म वीर शर्मा उन तीन न्यायाधीशों में से एक थे, जिन्होंने 2010 में अयोध्या विवाद में अपना फैसला दिया था।
न्यायमूर्ति धर्म वीर शर्मा (विघटनकर्ता) ने मुस्लिम मामले को भी खारिज कर दिया था। हालांकि, तीनों न्यायाधीशों ने मूर्ति 22-23 दिसंबर, 1949 की रात को मस्जिद में लगाने वाले एक महत्वपूर्ण बिंदु पर अपनी सहमति व्यक्त की थी।
इस अपने नोट में उन्होंने कहा था,
"यह स्थापित किया गया है कि सूट में संपत्ति राम चंद्र जी की जन्मभूमि है और हिंदुओं को सामान्य रूप से चरण, सीता रसोई, अन्य मूर्तियों और अन्य पूजा की वस्तुओं की पूजा करने का अधिकार है, जो सूट में संपत्ति पर मौजूद है। यह स्थापित किया गया है कि हिंदू विवाद-स्थल की जन्म स्थान के रूप में पूजा करते रहे हैं अर्थात जन्म स्थान देवता के रूप में है और यह प्राचीन काल से ही अधिकार के रूप में तीर्थ के पवित्र स्थान के रूप में है।"
जस्टिस शर्मा ने वर्ष 1967 में कला में स्नातक किया और 1970 में एलएलबी पास की।
अगस्त 2003 से अगस्त 2004 तक यू.पी. सरकार के प्रधान सचिव, लखनऊ के रूप में संसदीय कार्य किया। वहीं अगस्त 2004 से अक्टूबर 2005 तक प्रमुख सचिव (न्यायिक) और L.R. यू.पी. सरकार, लखनऊ के रूप में अपनी सेवाएं दी।
वर्ष 1972 में पी.सी.एस. (जे) में नियुक्त हुए और वर्ष 1985 में उच्च न्यायिक सेवा में पदोन्नत हुए। इसके उन्हें 2002 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
10 अक्टूबर, 2005 को उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया और 17 सितंबर, 2007 को उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।