भारत में पहली बार गुजरात हाईकोर्ट ने यूट्यूब पर कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की

LiveLaw News Network

26 Oct 2020 9:09 AM GMT

  • भारत में पहली बार गुजरात हाईकोर्ट ने यूट्यूब पर कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की

    गुजरात उच्च न्यायालय ने घोषणा की है कि हाईकोर्ट वर्चुअल सुनवाई के दौरान भी ओपन कोर्ट की अवधारणा को लागू करने और इसे व्यापक बनाने के उद्देश्य से आज से 26 अक्टूबर, 2020 से YouTube पर कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करेगा।

    हाईकोर्ट की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया कि यह सूचित किया जाता है कि उच्च न्यायालय की कार्यवाही अर्थात् मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ की सुनवाई का "बार के सदस्यों के लाभ के लिए" YouTube पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।

    सेट अप विशुद्ध रूप से प्रायोगिक आधार पर है और इसकी निरंतरता इस परीक्षण के परिणाम के आधार पर तय की जाएगी।

    यह पहल भारत में अपनी तरह की एक अनोखी पहल है और इससे अदालत की कार्यवाही में और अधिक पारदर्शिता लाने की उम्मीद की जा रही है। विशेष रूप से महामारी के दौरान जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी कार्यवाही की जा रही है।

    स्वप्निल त्रिपाठी बनाम भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को निर्णय की पृष्ठभूमि में माना जा रहा है, जिसमें कोर्ट ने अदालत की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी थी।

    शीर्ष अदालत ने उसमें टिप्पणी की थी,

    "सूर्य का प्रकाश सबसे अच्छा कीटाणुनाशक है।"

    गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने प्रशासनिक पक्ष पर अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर विचार-विमर्श के लिए न्यायाधीशों की एक समिति बनाई थी। इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका का निपटारा करने करने वाली पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला शामिल थे, कहा थाः

    "एक खुली अदालत की कार्यवाही की आवश्यकता का निरीक्षण करने के लिए जनता के सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित अदालतों की सुनवाई देखने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके अलावा कार्यवाही को कैमरे में रिकॉर्ड करने के लिए लिखित रूप में दर्ज किए गए कारणों के लिए आदेश दिया गया है।"

    यह भी सूचित किया था,

    "वर्चुअल सुनवाई देखने के लिए मीडिया सहित बड़े पैमाने पर लोगों की सुविधा के लिए तौर-तरीकों पर काम करने के उद्देश्य से इस उच्च न्यायालय के दो माननीय न्यायाधीशों की एक समिति ने अपनी बैठक में स्थायी समिति द्वारा लिए गए निर्णय (25 जून 2020 को) का अनुसरण किया है। … एक बार रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद प्रिंट, डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मीडियाकर्मियों सहित बड़े पैमाने पर जनता तक पहुंच की अनुमति देने की आगे की कार्यवाही को अंतिम रूप दिया जाएगा। "

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