367 करोड़ रुपये के बिल, आरोपी 18 महीने से हिरासत में: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दी

Shahadat

23 Feb 2023 5:04 AM GMT

  • 367 करोड़ रुपये के बिल, आरोपी 18 महीने से हिरासत में: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दी

    Punjab & Haryana High Court

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 367 करोड़ रूपये के जाली बिल बनाकर 26 करोड़ की जीएसटी भुगतान की चोरी के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी।

    जस्टिस दीपक सिब्बल की एकल पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही लगभग एक साल और पांच महीने की वास्तविक हिरासत में रह चुका है। अगर वह दोषी भी हो जाता है तो उसे अधिकतम पांच साल की सजा हो सकती है। आरोप-पूर्व अवस्था में अभियोजन पक्ष के अधिकांश महत्वपूर्ण गवाहों का ट्रायल किया जाता है।

    याचिकाकर्ता जिस कार्यवाही का सामना कर रहा है, वह वर्तमान में प्री-चार्ज स्टेज में है, जिसमें 37 अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच की जानी बाकी है और यदि याचिकाकर्ता पर मुकदमा भी चलाया जाता है तो उसे समाप्त होने में लंबा समय लगने की संभावना है।

    याचिकाकर्ता ने तीन फर्मों का प्रबंधन किया, दो मेसर्स श्री श्याम ट्रेडर्स के नाम पर और मेसर्स स्टास्य एंटरप्राइजेज फर्मों के माध्यम से याचिकाकर्ता ने कथित रूप से जाली चालान बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया, जिसके परिणामस्वरूप 367 करोड़ रूपये के जाली बिल बनाए और और 26 करोड़ की जीएसटी के भुगतान की चोरी की।

    याचिकाकर्ता ने जमानत मांगते हुए कहा कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया। वह 21.09.2021 से हिरासत में है। उसे दी जाने वाली अधिकतम सजा पांच वर्ष है। मामले की जांच पूरी हो चुकी है, इसलिए याचिकाकर्ता इसे प्रभावित करने की स्थिति में नहीं है। यहां तक कि याचिकाकर्ता के खिलाफ अभी तक आरोप भी तय नहीं किए गए हैं। 37 अभियोजन पक्ष के गवाहों की अभी भी प्री-चार्ज स्टेज में जांच की जानी बाकी है।

    इसलिए यदि सभी याचिकाकर्ता पर मुकदमा चलाया जाता है तो निष्कर्ष निकालने में काफी समय लगेगा। अन्यथा भी अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य प्राथमिक रूप से दस्तावेजी प्रकृति के होते हैं। अधिकांश महत्वपूर्ण गवाहों का आरोप-पूर्व चरण में पहले ही परीक्षण किया जा चुका है और अभियोजन पक्ष द्वारा कोई गंभीर आशंका व्यक्त नहीं की गई कि जमानत पर रिहा होने की स्थिति में याचिकाकर्ता या तो न्याय से भाग जाएगा या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा।

    विभाग ने याचिकाकर्ता को इस आधार पर जमानत देने का विरोध किया कि याचिकाकर्ता करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी से जुड़े घोटाले का मुख्य आरोपी है। इस घटना में कि वह जमानत पर रिहा हो जाता है, वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है और बदले में उसके मुकदमे की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

    कोर्ट ने कहा कि यह राज्य की गलती नहीं है कि याचिकाकर्ता ने जांच के दौरान सहयोग नहीं किया।

    अदालत ने जमानत देते हुए कहा कि सीजेएम/ड्यूटी मजिस्ट्रेट, गुरुग्राम की संतुष्टि के अधीन याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है। इसमें याचिकाकर्ता के वैध पासपोर्ट जमा करने की शर्त शामिल होगी।

    केस टाइटल: विजय गर्ग बनाम हरियाणा राज्य और दूसरा

    साइटेशन: सीआरएम-एम-14003-2022

    दिनांक: 16.02.2023

    याचिकाकर्ता के वकील: सीनियर एडवोकेट बिपन घई, निखिल घई, पीएस बिंद्रा, शेफाली गोयल और प्रतिवादी के वकील: डीएजी राजीव सिद्धू

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