जबरदस्ती वसूली धमकी के बाद पूर्व डूसू अध्यक्ष रौनक खत्री को दी जाए पुलिस सुरक्षा: दिल्ली हाईकोर्ट

Shahadat

6 Nov 2025 6:06 PM IST

  • जबरदस्ती वसूली धमकी के बाद पूर्व डूसू अध्यक्ष रौनक खत्री को दी जाए पुलिस सुरक्षा: दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह रोहित गोदारा गिरोह द्वारा जबरन वसूली की धमकी के आरोपों पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के पूर्व अध्यक्ष रौनक खत्री द्वारा पुलिस सुरक्षा के लिए किए गए अनुरोध पर शीघ्र कार्रवाई करे।

    जस्टिस रविंदर डुडेजा ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा कि एक बीट कांस्टेबल अगले दो हफ़्तों तक हर दिन कम से कम एक बार खत्री से मिलकर उनकी कुशलक्षेम सुनिश्चित करेगा।

    खत्री का कहना था कि 29 सितंबर को उन्हें यूक्रेन में रजिस्टर्ड एक फ़ोन नंबर से धमकी भरे संदेश मिले, जिसमें रोहित गोदारा होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने उनसे 5 करोड़ रुपये की मांग की थी।

    खत्री की याचिका एडवोकेट ओभीरूप घोष, निशांत खत्री, तेजस्विनी और शौर्य विक्रम के माध्यम से दायर की गई।

    याचिका में दावा किया गया कि मैसेज में खत्री को धमकी दी गई कि अगर राशि का भुगतान नहीं किया गया तो उन्हें गोली मार दी जाएगी।

    सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस के सरकारी वकील संजय लाओ ने अदालत को बताया कि खत्री की सुरक्षा संबंधी अर्जी डीसीपी स्पेशल सेल को भेज दी गई है, जो खतरे का आकलन करके निर्णय लेंगे।

    उन्होंने कहा,

    "हम एक स्थानीय बीट कांस्टेबल भेज सकते हैं, जो खतरे का आकलन करने के लिए रोज़ाना उनके घर जाएगा।"

    लाओ ने आगे कहा कि इस बीच खत्री की पुलिस सुरक्षा संबंधी अर्जी डीसीपी आउटर नॉर्थ को भेज दी जाएगी, जो उसे डीसीपी स्पेशल सेल को भेजेंगे।

    अदालत ने लाओ की दलील दर्ज करते हुए कहा,

    "स्पेशल सेल खतरे का आकलन करेगा और याचिकाकर्ता को सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लेगा।"

    याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि देश के सभी नागरिकों के जीवन की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है।

    अदालत ने आगे कहा कि संवैधानिक न्यायालय होने के नाते इस अदालत से नागरिकों की संवैधानिक सुरक्षा को और मज़बूत करने की अपेक्षा की जाती है।

    चूंकि खत्री को अपनी जान का ख़तरा है, इसलिए अदालत ने डीसीपी आउटर नॉर्थ और डीसीपी स्पेशल सेल को निर्देश दिया कि वे खत्री द्वारा पुलिस सुरक्षा के लिए किए गए अनुरोध पर शीघ्र कार्रवाई करें।

    अदालत ने कहा,

    "इस बीच बीट कांस्टेबल और एसएचओ को याचिकाकर्ता द्वारा की गई किसी भी कॉल पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए उचित परामर्श दिया जाएगा।बीट कांस्टेबल अगले दो हफ़्तों तक हर दिन कम-से-कम एक बार याचिकाकर्ता से मिलकर उसकी कुशलक्षेम सुनिश्चित करेगा। याचिका का निपटारा किया जाता है।"

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