'निजी अस्पताल COVID-19 मरीजों से अत्यधिक फीस वसूल रहे हैं': आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने जांच के लिए नोडल अधिकारियों के माध्यम से भुगतान करने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

20 May 2021 8:27 AM GMT

  • निजी अस्पताल COVID-19 मरीजों से अत्यधिक फीस वसूल रहे हैं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने जांच के लिए नोडल अधिकारियों के माध्यम से भुगतान करने का निर्देश दिया

    आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को निजी अस्पतालों द्वारा COVID-19 मरीजों से अत्यधिक फीस वसूलने पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार को नोडल अधिकारी के माध्यम से बिल का भुगतान करने के तौर-तरीकों पर काम करने का निर्देश दिया।

    जस्टिस सी. प्रवीण कुमार और जस्टिस ललिता कन्नेगंती की खंडपीठ ने आंध्र प्रदेश में COVID-19 स्थिति से संबंधित याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

    याचिकाकर्ताओं में से अखिल भारतीय वकील संघ ने सुनवाई के दौरान कहा कि इलाज के लिए अत्यधिक फीस वसूलने पर रोक लगाने के लिए अस्पताल के काउंटर पर सीधे पैसे का भुगतान करने के बजाय इसे नोडल अधिकारी/हेल्प डेस्क मैनेजर के माध्य़म से किया जा सकता है ताकि अधिक बिलिंग होने की स्थिति में उसकी उसी स्तर पर जांच की जा सके।

    बेंच ने शुरुआत में कहा कि,

    "यह सुझाव हमारे विचार में निश्चित रूप से सरकारी दिशानिर्देशों के विपरीत अत्यधिक फीस वसूलने या अत्यधिक बिलिंग की जांच में सहयोग करेगा।"

    बेंच ने कहा कि काउंटर पर एक उचित रजिस्टर रखा जाए और रोगी/अटेंडेंट को ऐसे रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाए।

    न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को इस मामले को देखने और तुरंत तौर-तरीकों पर काम करने का निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अस्पतालों में किए गए भुगतान या तो नोडल अधिकारी के माध्यम से या हेल्प डेस्क प्रबंधक के माध्यम किया जा रहा है।

    अस्पतालों में बेड की उपलब्धता

    कोर्ट को सूचित किया गया कि आंध्र प्रदेश सरकार ने एक कोविड डैशबोर्ड वेबसाइट लॉन्च की है जो उपलब्ध बेड की संख्या दर्शती है। यह भी बताया गया कि हर जिले में और मंडल स्तर पर भी एक केंद्र स्थापित करने के लिए कार्यप्रणाली पर काम किया जा रहा है, जिससे राज्य के सभी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता की जानकारी ली जा सके।

    कोर्ट ने इसके अलावा संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक अस्पताल के टेलीफोन नंबरों को प्रकाशित करने के लिए कहा है, जिससे कोई भी नोडल अधिकारियों या हेल्प डेस्क प्रबंधकों से संपर्क कर सके।

    लॉकडाउन

    कोर्ट को बताया गया कि लॉकडाउन के दौरान कुछ घंटों की छूट में दुकानों के बाहर विशेष रूप से शराब की दुकानों पर भारी भीड़ जमा होती है।

    बेंच ने ऐसी भीड़ से बचने और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को लागू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को ऐसी दुकानों के बाहर पुलिस कांस्टेबल तैनात करने का निर्देश दिया है।

    कोर्ट ने कहा कि,

    "कांस्टेबल को मुख्य रूप से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए COVID-19 प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन के लिए कदम उठाने के लिए कहा जा सकता है।"

    दुकान के बाहर भीड़ के लिए दुकान मालिकों को जवाबदेह नहीं बनाया गया।

    कोर्ट ने कहा कि,

    "हमें लगता है कि दुकान मालिकों के लिए यह देखना मुश्किल है कि उनकी दुकान पर एकत्रित व्यक्तियों द्वारा COVID-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं क्योंकि हर कोई जल्द से जल्द अपनी चीजें खरीदना चाहता है।"

    COVId-19 केयर सेंटर

    कोर्ट को बताया गया कि ज्यादातर COVID-19 केयर सेंटर बाहरी इलाकों में काफी दूर स्थापित किए गए हैं, जिससे यह तक पहुंच दुर्गम हो गया है।

    कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया कि यदि संभव हो तो शहर के भीतर COVID-19 केयर सेंटर स्थापित करने पर विचार करें ताकि यह सभी के लिए सुलभ हो और जरूरतमंद लोग आसानी से यहां तक पहुंच सकें। कोर्ट ने राज्य को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जरूरत के समय COVID-19 रोगियों को निकटतम COVID-19 अस्पतालों में ले जाने के लिए परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हों।

    इस मामले को अब सुनवाई के लिए 27 मई को सूचीबद्ध किया गया है।

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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