"130 साल पुरानी मस्जिद के प्रवेश द्वार से 10 मीटर पहले लगाए जाएंं बैरिकेड्स, ताकि उपासकों को न हो कोई परेशानी" : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा
LiveLaw News Network
23 Oct 2020 9:15 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (20 अक्टूबर) को दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि 130 साल पुरानी मस्जिद के प्रवेश द्वार से कम से कम 10 मीटर पहले सड़क पर बैरिकेड्स लगाए जाएं ताकि मस्जिद के द्वार से प्रवेश करते समय मस्जिद के सामने उपासकों को कोई परेशानी न हो पाए।
न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की खंडपीठ ने यह निर्देश नई दिल्ली के दिल्ली कंटोनमेंट इलाके में स्थित राव तुला राम मार्ग पर बनी 'बसंत नगर मस्जिद' के सचिव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिकाकर्ता का मामला
याचिकाकर्ता का मामला यह था कि विचाराधीन मस्जिद 130 साल से अधिक पुरानी है और गांव बसंत नगर की सीमा में स्थित है। उनकी शिकायत यह थी कि नवंबर, 2019 में मस्जिद के प्रवेश द्वार के सामने बैरिकेड्स लगाए गए थे और तीन कांस्टेबलों को पिकेटिंग ड्यूटी करने के लिए तैनात किया गया था, जिससे मस्जिद में आने वाले श्रद्धालुओं को मस्जिद के गेट का उपयोग करने में परेशानी हो रही है।
इस प्रकार, याचिका में प्रार्थना की गई थी कि दिल्ली पुलिस को अपने वर्तमान स्थान से बैरिकेड हटाने और मस्जिद के गेट से कुछ मीटर आगे या पीछे लगाने का निर्देश दिया जाए।
न्यायालय के समक्ष प्रस्तुतियांं
वक्फ बोर्ड ने याचिका पर अपना जवाब दायर किया और हलफनामे में कहा कि वकील वाजिह शफीक ने 17 सितंबर, 2020 को खुद मस्जिद का दौरा किया था और पाया कि पुलिस ने चेकिंग के लिए आने वाले ट्रैफिक को धीमा करने के लिए तीन बैरिकेड लगाए थे।
यह भी प्रस्तुत किया गया था कि उनके दौरे के समय, दो सशस्त्र पुलिसकर्मियों द्वारा बैरिकेड्स को बंद कर दिया गया था और उनके अनुसार, दोपहर में चेकिंग शुरू होती है और आधी रात तक जारी रहती है और उसके बाद बैरिकेड हटा दिए जाते हैं, लेकिन इन बैरिकेड्स को मस्जिद के गेट के सामने रखा जाता है।
उन्होंने गूगल अर्थ मैपस द्वारा लिए गए सैटलाइट इमेज का भी हवाला दिया ताकि यह दर्शाया जा सके कि किस स्टैगर्ड तरीके से बैरिकेड्स लगाए गए थे।
दिल्ली पुलिस ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर रखा। पुलिस के लिए पेश होने वाले वकील ने दलील दी थी कि पुलिस ने बैरिकेड्स लगा रखे थे, लेकिन इन बैरिकेड्स से मस्जिद का प्रवेश द्वार अवरुद्ध नहीं हो रहा था।
यह भी तर्क दिया गया कि दो दुकानें हैं जो मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा चलाई जाती हैं और इन दुकानों से प्राप्त राजस्व का उपयोग मस्जिद के प्रबंधन के लिए किया जाता है। राव तुला राम मार्ग के इस हिस्से को लेकर कुछ पीसीआर कॉल भी आई हैं, जिसमें स्नैचिंग, लूट और दुर्घटनाओं की घटनाओं के बारे में बताया गया था।
इसके अलावा, पुलिस ने पाया कि वसंत विहार की तरफ गुड़गांव जाने वाले ट्रैफिक बिना किसी चेकिंग के ही वसंत विहार से निकलता है और मस्जिद एक अलग सुनसान इलाके में स्थित है। इसलिए बैरिकेड्स लगाए गए थे।
उन्होंने आगे कहा कि मस्जिद के प्रवेश द्वार से लगभग 10 मीटर की दूरी पर पुलिस द्वारा एक पिकेट भी बनाया गया है। इस संबंध में डिफेंस इस्टेट ऑफिस, दिल्ली सर्कल, दिल्ली कैंट से एक पत्र मिला था,जिसमें डिफेंस लैंड पर हुए अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण को हटाने की बात कही गई थी। जिसके बाद पुलिस ने पिकेट बनाई है। साथ ही यह भी पाया गया था कि सचिव ने 0.716 एकड़ भूमि पर अनधिकृत कब्जा कर रखा था और उसका कमर्शियल उपयोग किया जा रहा था।
पुलिस ने, हालांकि, अदालत को आश्वासन दिया कि बैरिकेड्स किसी भी तरह से ऐसी कोई परेशानी नहीं करेंगे,जिसके परिणामस्वरूप श्रद्धालुओं को मस्जिद में नमाज अदा करने में कोई समस्या आए।
कोर्ट के निर्देश
रिकाॅर्ड व रिकाॅर्ड पर रखी गई तस्वीरों को देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि पुलिस द्वारा दिए गए बयान और रिकाॅर्ड पर रखी गई गूगल अर्थ इमेज के बीच कुछ भिन्नता थी।
चूंकि दो बयानों के बीच कुछ भिन्नता थी,इसलिए कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के हलफनामे और पुलिस की स्थिति रिपोर्ट पर विचार करते हुए निम्नलिखित निर्देश जारी किए हैंः
1-पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि मस्जिद के प्रवेश से पहले या मस्जिद के प्रवेश द्वार से कम से कम 10 मीटर आगे सड़क पर बैरिकेड्स लगाए जाएं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मस्जिद के गेट से प्रवेश करते समय मस्जिद के सामने श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
2-मस्जिद का प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि बाहर की दुकानों में भीड़ का जमावड़ा न हो, जिससे उस सड़क का उपयोग करने वाले यात्रियों को कोई परेशानी न हो पाए, जिसे वसंत विहार से गुड़गांव की ओर जाने वाला मार्ग कहा जाता है।
3- पुलिस यह भी सुनिश्चित करेगी कि यदि वाहनों की चेकिंग करने की कोई आवश्यकता है तो पर्याप्त संख्या में कांस्टेबलों को साइट पर तैनात किया जाए ताकि चेकिंग की जा सके और ऐसी चेकिंग मस्जिद के गेट से 10 मीटर पहले या गेट के 10 मीटर बाद के स्थान पर की जाए ताकि मस्जिद जाने वालों को कोई परेशानी न हो पाए।
जहां तक अनधिकृत निर्माण या अतिक्रमण के आरोपों का संबंध था, अदालत ने उक्त मुद्दे पर विचार नहीं किया और अधिकारियों को कानून के अनुसार कार्रवाई करने की अनुमति दे दी।
मस्जिद प्रबंधन को भी यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया गया है कि मस्जिद क्षेत्र में कोई अनधिकृत निर्माण या अतिक्रमण न हो पाए और मस्जिद क्षेत्र केवल श्रद्धालुओं द्वारा नमाज पढ़ने के लिए उपयोग किया जाए।
इसप्रकार,वर्तमान याचिका और सभी लंबित आवेदनों का निपटारा किया गया।
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