पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष का नियमित आधार पर 'प्रभावी' मेडिकल उपचार सुनिश्चित करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिया

Shahadat

2 Feb 2023 6:30 AM GMT

  • पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष का नियमित आधार पर प्रभावी मेडिकल उपचार सुनिश्चित करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को तिहाड़ जेल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर को नियमित रूप से प्रभावी मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए।

    जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ अबुबकर की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें विशेष न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें मेडिकल आधार पर जमानत की उसकी अर्जी खारिज कर दी गई।

    अदालत के समक्ष उसकी अपील में कहा गया कि अबूबकर कई बीमारियों से पीड़ित है, जिसमें दुर्लभ प्रकार का एसोफैगस कैंसर, पार्किंसंस रोग, हाई ब्लडप्रेशर, मधुमेह और दृष्टिदोष शामिल है।

    अदालत ने रिकॉर्ड पर हलफनामा पेश करने की मांग करते हुए अबुबकर की ओर से दायर आवेदन पर नोटिस जारी किया और इसमें किए गए तथ्यात्मक दावों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब मांगा।

    पीठ ने 13 मार्च को मामले को सूचीबद्ध करते हुए निर्देश दिया,

    "इस बीच, तिहाड़ जेल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि अपीलकर्ता को उसकी सभी बीमारियों के लिए नियमित आधार पर प्रभावी उपचार प्रदान किया जाए।"

    अबूबकर की ओर से पेश एडवोकेट आदित एस. पुजारी ने अदालत को बताया कि "वर्चुअल मुलाक़ात" के आधार पर हलफनामा जेल के अंदर हाल की स्थिति और मेडिकल स्थिति का संकेत देते हुए दायर किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हलफनामे को अबूबकर के बेटे ने सत्यापित किया है।

    पुजारी ने प्रस्तुत किया,

    “जब वह उठता है तो उसके पास सेवादार होता है। वह सेवादार के बिना जाग नहीं सकता, जिससे वह बात भी नहीं कर सकता। उसकी भाषा मलयालम या अंग्रेजी है। यह सज्जन ऐसे व्यक्ति हैं, जिनका कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं है। उसके खिलाफ यह पहला और इकलौता मामला है। वह स्कूल टीचर रह चुका है। वह 71 वर्ष का है और पहली बार जेल की कैद भोग रहा है।”

    हालांकि, एनआईए की ओर से पेश वकील ने स्थिति पर विवाद किया और वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि अबुबकर को स्पष्ट रूप से हिंदी में "हजारों लोगों" को संबोधित करते हुए देखा जा सकता है।

    अदालत ने तदनुसार अबूबकर के आवेदन पर उचित जवाब दाखिल करने के लिए एनआईए को समय दिया।

    इससे पहले पीठ ने अबुबकर की स्वास्थ्य स्थिति के कारण तिहाड़ जेल से हाउस अरेस्ट में ट्रांसफर करने की उसकी प्रार्थना पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

    अबुबकर वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। उसे एनआईए द्वारा एफआईआर के तहत गिरफ्तार किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पीएफआई के विभिन्न सदस्य कई राज्यों में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए भारत और विदेशों से साजिश रच रहे थे और धन एकत्र कर रहे थे।

    एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया कि पीएफआई के सदस्य आईएसआईएस जैसे अभियुक्त संगठनों के लिए मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने में शामिल हैं।

    भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 120बी और 153ए और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 17, 18, 18बी, 20, 22बी 38 और 39 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

    केस टाइटल: अबुबकर ई. बनाम राष्ट्रीय जांच एजेंसी

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