"सुनिश्चित करें कि स्थानीय पुलिस हिंदू धर्म अपनाने वाली मुस्लिम महिला के विवाहित जीवन में हस्तक्षेप न करे": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी से कहा

LiveLaw News Network

27 May 2021 8:28 AM GMT

  • सुनिश्चित करें कि स्थानीय पुलिस हिंदू धर्म अपनाने वाली मुस्लिम महिला के विवाहित जीवन में हस्तक्षेप न करे: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी से कहा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (26 मई) को हिंदू धर्म अपनाने वाली और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार एक पुरुष से शादी करने वाली एक मुस्लिम महिला को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया।

    न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मेरठ को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि स्थानीय पुलिस याचिकाकर्ताओं (महिला और उसके पति) के शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप न करे।

    कोर्ट के सामने मामला

    यति (मूल नाम कहकशा) नाम की एक युवती (19 वर्ष) ने अपनी स्वतंत्र इच्छा के अनुसार एक पुरुष से विवाह किया। उसने प्रस्तुत किया कि वह जन्म से मुस्लिम है, लेकिन उसने हिंदू धर्म अपना लिया है।

    उसने यह भी प्रस्तुत किया कि उसने 15 अप्रैल, 2021 को जिला मजिस्ट्रेट, मेरठ के समक्ष एक आवेदन दिया और अपने नाम और धर्म के परिवर्तन के संबंध में एक समाचार पत्र में आवश्यक समाचार प्रकाशित करवाए।

    यह आग्रह किया गया कि उसने 16 अप्रैल, 2021 को आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली और 16 अप्रैल, 2021 को विवाह रजिस्ट्रार, मेरठ के समक्ष अपनी शादी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया। हालांकि, आज तक उसकी शादी का पंजीकरण नहीं किया गया है।

    उसने यह भी प्रस्तुत किया कि उसके पिता शादी से बहुत नाराज हैं और उसने याचिकाकर्ताओं को जान से मारने की धमकी दी है। इसलिए उन्होंने स्थानीय पुलिस से उनकी जान बचाने का अनुरोध किया।

    कोर्ट का आदेश

    यह देखते हुए कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है, अदालत ने एक नोटिस जारी किया (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मेरठ के माध्यम से महिला के पिता पर तामील किया जाना था)।

    न्यायालय के अगले आदेश तक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मेरठ को आदेश दिया गया है कि वह याचिकाकर्ताओं के जीवन को सुरक्षा प्रदान करें और सुनिश्चित करें कि महिला के पिता या परिवार के किसी सदस्य या मूल समुदाय के हाथों उन्हें कोई नुकसान न हो।

    महिला के पिता को आदेश दिया गया है कि या तो स्वयं या अपने दोस्तों, एजेंटों, सहयोगियों के माध्यम से याचिकाकर्ता के घर में प्रवेश न करें और न ही संचार के किसी भी माध्यम से याचिकाकर्ता से संपर्क न करें। .

    केस टाइटल - यति@कहकशा और अन्य अदर बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और 3 अन्य [WRIT-C No.-2021 का 12655]

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