शहर के सदर बाजार क्षेत्र में COVID-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें: हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा
Shahadat
8 Dec 2021 11:57 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को शहर की पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वह शहर के सदर बाजार इलाके में COVID-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराए।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली अधिवक्ता शालीन भारद्वाज द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। इसमें दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ ड्यूटी पर COVID-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और गृह मंत्रालय और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा परिपत्र जारी करने के बावजूद COVID-19 दिशानिर्देशों को लागू नहीं करने के लिए कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई।
याचिकाकर्ता का मामला यह है कि इस साल अगस्त में सदर बाजार क्षेत्र में मास्क नहीं पहनने पर उसका चालान किया गया था। हालांकि, याचिका में आरोप लगाया गया कि उस समय ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारी खुद मास्क और हेलमेट नहीं पहने हुए थे।
याचिका में यह भी कहा गया कि जब याचिकाकर्ता और उसके साथ मौजूद अन्य लोगों को थाने सदर बाजार लाया गया तो वे यह देखकर चौंक गए कि अधिकांश पुलिसकर्मी COVID-19 के उचित व्यवहार का उल्लंघन करते हुए बिना मास्क के बैठे थे।
इसलिए याचिकाकर्ता द्वारा दिल्ली पुलिस अधिनियम, 1978 की धारा 83 के तहत कई शिकायतों के बावजूद, सदर बाजार बाजार क्षेत्र में अनधिकृत गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिवादियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
यह भी कहा गया कि अगले दिन जब याचिकाकर्ता ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए संबंधित डीसीपी के कार्यालय का दरवाजा खटखटाया तो वहां भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। वहां भी ज्यादातर पुलिसकर्मी बिना मास्क के बैठे थे।
तदनुसार, याचिका में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई, जो सदर बाजार क्षेत्र में COVID-19 उपयुक्त व्यवहार के सख्त प्रवर्तन में ढिलाई के लिए जिम्मेदार थे।
याचिकाकर्ता प्रतिवादी अधिकारियों और अन्य संबंधित जिला और स्थानीय अधिकारियों से COVID-19 के प्रबंधन के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए निर्देश देने की भी मांग करता है, जिसमें विफल होने पर संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।
अब इस मामले की सुनवाई जनवरी 2022 में होगी।
केस शीर्षक: शालीन भारद्वाज (एडवोकेट) बनाम गृह मंत्रालय और अन्य।