टर्मिनेशन आर्डर के खिलाफ डॉ कफील खान की याचिका | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया

LiveLaw News Network

5 Dec 2023 3:37 PM GMT

  • टर्मिनेशन आर्डर के खिलाफ डॉ कफील खान की याचिका | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को डॉ कफील खान द्वारा यूपी सरकार द्वारा राज्य संचालित बीआरडी मेडिकल कॉलेज से उनकी सेवाओं की समाप्ति को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का एक आखिरी मौका दिया।

    गौरतलब है कि डॉ खान की याचिका पिछले साल जनवरी में दायर की गई थी और 3 फरवरी, 2022 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में 4 सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, हालांकि, सरकार ने अभी तक इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।

    सोमवार को जब यह मामला जस्टिस राजन रॉय की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आय, तो डॉ खान के वकील ने कहा कि हालांकि एक साल बीत चुका है, लेकिन राज्य ने मामले में कोई जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया है।

    इस दलील को ध्यान में रखते हुए, जनवरी 2024 के दूसरे सप्ताह में मामले को सूचीबद्ध करते हुए, न्यायालय ने इस प्रकार टिप्पणी की, "यदि संबंधित प्रतिवादी-विपरीत पक्ष द्वारा अगली तारीख से पहले जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया जाता है तो अदालत याचिका में दी गई दलीलों को सही मानते हुए मामले की सुनवाई और निर्णय के लिए आगे बढ़ेगी।"

    खान, जिनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने निलंबन आदेश जारी किए थे, को 2017 बीआरडी अस्पताल मामले में उनकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, जहां अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कथित कमी के कारण गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 63 बच्चों की मौत हो गई थी। यह आरोप लगाया गया कि जब यह हादसा हुआ तब वह इंसेफेलाइटिस वार्ड के प्रभारी थे। उक्त बर्खास्तगी को चुनौती देते हुए उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया है।

    डॉ खान ने दलील दी है कि मामले में कई जांच समितियों से हरी झंडी मिलने के बावजूद उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि 8 आरोपियों में से खान को छोड़कर सभी को बहाल कर दिया गया है।

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