संदेह है कि 'तालिबान आतंकवादी नहीं' कहने वाली एफबी पोस्ट अकेले संज्ञेय अपराध का गठन करेगी: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने यूएपीए के आरोपी को जमानत दी

LiveLaw News Network

9 Oct 2021 11:53 AM IST

  • संदेह है कि तालिबान आतंकवादी नहीं कहने वाली एफबी पोस्ट अकेले संज्ञेय अपराध का गठन करेगी: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने यूएपीए के आरोपी को जमानत दी

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में एक आरोपी मौलाना फजलुल करीम कासिमी को जमानत दे दी। कासिमी पर फेसबुक पर कथित रूप से 'अफगानिस्तान में "तालिबान" आतंकवादी नहीं' लिखने के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    न्यायमूर्ति सुमन श्याम की पीठ ने कहा कि यह संदेहास्पद है कि क्या केवल फेसबुक पोस्ट की सामग्री संज्ञेय अपराध होगी।

    कासिमी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 (बी), 153 ए (1) (ए) और (सी), 298, 505(1)(बी)(सी), 505(2) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन अधिनियम, 1967 की धारा 31 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    कासिमी ने यह तर्क देते हुए जमानत मांगी कि अदालत ने पहले ही एक अन्य आवेदक को जमानत दे दी है। उस मामले में भी इसी तरह की कार्यवाही दर्ज की गई थी और आवेदक को इस तरह की राय व्यक्त करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

    केस डायरी पर विचार करने के बाद बेंच ने कासिमी को 20,000/- रुपये के मुचलके पर जमानत देते हुए कहा,

    "केस डायरी के अवलोकन से मैंने पाया कि आवेदक के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है सिवाय इस तथ्य के कि उसके पर्सनल अकाउंट से एक फेसबुक पोस्ट लिखा गया है। भले ही यह स्वीकार कर लिया जाए कि आवेदक फेसबुक पोस्ट का लेखक है, फिर भी अन्य आपत्तिजनक सामग्री के अभाव में यह संदेहास्पद है कि क्या केवल उसकी सामग्री ही संज्ञेय अपराध होगी। उपरोक्त को देखते हुए मेरा विचार है कि इस मामले में आवेदक को आगे हिरासत में रखना अनुचित होगा।"

    संबंधित समाचार में, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते तहरीक-ए-तालिबान यानी एक आतंकवादी संगठन की प्रशंसा और महिमामंडन के लिए गिरफ्तार किए गए मकबूल आलम को जमानत दी।

    कथित तौर पर, आलम ने एक फेसबुक पोस्ट किया था। इसमें उसने एक आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के प्रति अपना समर्थन दिखाया था। तालिबान ने अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंका था और वह हिंसक तरीकों से भारतीय नागरिकों को भी निशाना बनाता रहा है।

    केस का शीर्षक - मौलाना फजलुल करीम कासिमी बनाम असम राज्य

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