"सीनियर एडवोकेट्स के स्टेटस और सम्मान का मजाक न उड़ाए, न उन्हें नीचा दिखाएं": पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता मुकेश बेरी ने अपने इस्तीफे में सरकार से कहा
LiveLaw News Network
11 Nov 2021 5:31 PM IST
सीनियर एडवोकेट मुकेश बेरी ने पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता पद से इस्तीफा देते हुए पंजाब सरकार से कहा है कि उसे हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट्स के स्टेटस और सम्मान का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए और न उन्हें नीचा दिखाना चाहिए।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा कल पंजाब के महाधिवक्ता एपीएस देओल के इस्तीफे की स्वीकृति के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
बेरी ने अपने त्याग पत्र में पंजाब सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव को संबोधित किया है।
उन्होंने कहा है, "हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट और पंजाब के महाधिवक्ता श्री एपीएस देओल के इस्तीफे को स्वीकार करने के पंजाब सरकार के निर्णय पर टिप्पणी किए बिना मैं अतिरिक्त महाधिवक्ता, पंजाब के पद से अपना इस्तीफा प्रस्तुत करता हूं, जिसे प्रस्तुत करने की तिथि यानि आज से स्वीकार किया गया माना जाएगा। 27 वर्षों तक पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के अधिवक्ताओं के निर्वाचित प्रतिनिधि और अध्यक्ष के रूप में और 28 साल तक पंजाब महाधिवक्ता कार्यालय में विधि अधिकारी के रूप में कार्य करने के बाद मैं सरकार से अनुरोध करूंगा कि इस हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट्स के स्टेटस और प्रतिष्ठा का उपहास न करें और उन्हें नीचा न दिखाएं।"
पंजाब के महाधिवक्ता अमर प्रीत सिंह देओल ने एक नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका इस्तीफा कल स्वीकार किया गया। सीनियर एडवोकेट देओल को सितंबर 2021 में पंजाब के महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था।
सीनियर एडवोकेट अतुल नंदा ने 18 सितंबर को महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफ के बाद इस्तीफा दिया था। जिसके बाद श्री देओल को पंजाब महाधिवक्ता के रूप नियुक्त किया गया था।
नंदा ने संवैधानिक परंपरा का हवाला देते हुए कहा था कि उनकी नियुक्ति मुख्यमंत्री की नियुक्ति के साथ-साथ समाप्त हो गई थी। देओल ने छह नवंबर को बयान जारी कर कहा था कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू महाधिवक्ता के कार्यालय के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं।
बयान में सिद्धू पर "ड्रग्स मामले" और "अपवित्रीकरण के मामलों" में न्याय सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के 'गंभीर प्रयासों' को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था। देओल ने यह भी आरोप लगाया था कि सिद्धू अपने राजनीतिक लाभ के लिए पंजाब के महाधिवक्ता के संवैधानिक कार्यालय का राजनीतिकरण कर रहे हैं।