आय से अधिक संपत्ति का मामला: झारखंड हाईकोर्ट ने विधायक बंधु तिर्की को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनवाई गई सजा के खिलाफ दायर अपील याचिका वापस लेने की अनुमति दी

Brij Nandan

8 April 2022 11:59 AM GMT

  • झारखंड हाईकोर्ट

    झारखंड हाईकोर्ट

    झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री व मांडर विधायक बंधु तिर्की को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनवाई गई सजा के खिलाफ दायर अपील याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

    सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी (Justice Sanjay Kumar Dwivedi) की एकलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट नीलेश कुमार ने याचिका वापस लेने का आग्रह किया।

    प्रतिवादी-सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोई विरोध नहीं जताया। इसके साथ ही कोर्ट अपील याचिका वापस लेने की मंजूरी दी।

    रांची के सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने पिछले दिनों आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में बंधु तिर्की को तीन साल की सजा सुनायी थी और तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इसी के खिलाफ एडवोकेट नीलेश कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

    याचिका में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को निरस्त करने की मांग की गई थी।

    क्या है पूरा मामला?

    सीबीआइ ने बंधु तिर्की के खिलाफ 11 अगस्त 2010 को आय से अधिक संपत्ति संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बंधु पर आय से 6 लाख 28 हजार 698 रुपये अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप था, जब वह 2005-2009 में राज्य सरकार में मंत्री थे।

    इस मामले में बंधु को सीबीआई ने बनहोरा स्थित उनके आवास से दिसंबर 2018 में गिरफ्तार किया था. उनको करीब 40 दिन जेल में रखा गया था। हालांकि बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।

    इसी मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 29 मार्च,2022 को बंधु को 3 साल की सजा सुनाई थी।

    खबरों के मुताबिक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 में 2013 में हुए संसोधन और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में बंधु की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है।

    याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट नीलेश कुमार पेश हुए। सीबीआई की ओर से एडवोकेट शिवानी जुलुका पेश हुईं।

    केस का शीर्षक: बंधु तिर्की बनाम सीबीआई के माध्यम से भारत संघ

    कोरम: जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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