दिल्ली दंगाः दिल्ली हाईकोर्ट ने पिंजड़ा तोड़ की सदस्य देवांगना कलिता को जमानत दी
LiveLaw News Network
1 Sept 2020 11:50 AM IST
Delhi Riots: Delhi HC Grants Bail Plea To Pinjra Tod Member Devangana Kalita
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलिता को जमानत दे दी। उन्हें दिल्ली स्थिति जाफराबाद के निवासियों को दंगों में शामिल होने के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने जमानत दी है। कलिता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि एक अन्य प्राथमिकी में वह पहले ही जमानत पर बाहर हैं। उस आदेश में, ट्रायल कोर्ट ने कहा है कि कालिता ने केवल सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाग लिया और किसी भी हिंसा में शामिल नहीं हुईं हैं।
सिब्बल ने तर्क दिया कि कलिता के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चुका है और अब जांच की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, इस बात के कोई सबूत नहीं है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं या वह देश छोड़ सकती हैं।
सिब्बल ने यह भी तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष की ओर से ऐसा कोई सबूत नहीं पेश किया गया है कि कलिता दंगा भड़काने के अपराध में शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'दिल्ली पुलिस ने खुद कहा है कि कलिता किसी भी सीसीटीवी फुटेज या किसी अन्य वीडियो में दिखाई नहीं देती हैं; उनके पास कलिता के भाषण की एक प्रति भी नहीं है। '
सिब्बल ने तर्क दिया कि कलिता का नाम शाहरुख के डिक्लोज़र स्टेटमेंट में भी शामिल नहीं है, जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
'उन्होंने (पुलिस) ने डिक्लोज़र स्टेटमेंट दर्ज करने के तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस ने कालिता की गिरफ्तारी के लिए 2 दिन इंतजार किया, जब उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत दी गई।'
अंत में, सिब्बल ने कहा कि कलिता शानदार अकादमिक हैं और उन मुद्दों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होना उनका अधिकार है, जिन्हें लेकर वह वह भावुक हैं।
जमानत याचिका का विरोध करते हुए, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि कालिता एक अन्य प्राथमिकी में पारित जमानत आदेश के साथ समानता का दावा नहीं कर सकती है क्योंकि उस प्राथमिकी में उन पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों का आरोप नहीं है।
किसी भी वीडियो फुटेज की अनुपलब्धता एएसजी ने कहा,'उस विरोध प्रदर्शन में कई लोगों ने भाग लिया था, सभी चेहरों को पकड़ पाने की सीसीटीवी फुटेज से उम्मीद करना संभव नहीं है।'
एएसजी राजू ने तर्क दिया कि गैरकानूनी जुटान पर कानून स्पष्ट है और जुटान में भागीदारी केवल अपराध के लिए पर्याप्त है।
'वह इलाके की अशिक्षित महिलाओं को नफरती भाषणों से हिंसा में भाग लेने के लिए उकसा रही थीं, कॉल डेटा रिकॉर्ड्स के अनुसार वह घटना की तारीख को उस स्थान पर थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दरमियान विरोध प्रदर्शन भारत की छवि को खराब करने की बड़ी साजिश का हिस्सा था।'
राजू ने आगे कहा था कि अगर कलिता को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि वह इसी प्रकार की गतिविधियों में लिप्त रहेंगी और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगी।
राजू ने कहा, 'जमानत मामलों के लिए अकादमिक रिकॉर्ड अप्रासंगिक हैं।'