दिल्ली दंगे मामले में BJP नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच के निर्देश देने वाले आदेश पर लगी रोक

Shahadat

10 April 2025 3:59 AM

  • दिल्ली दंगे मामले में BJP नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच के निर्देश देने वाले आदेश पर लगी रोक

    दिल्ली कोर्ट ने बुधवार को निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें दिल्ली पुलिस को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में कथित संलिप्तता को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता और दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच करने का निर्देश दिया गया था।

    राउज़ एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने दिल्ली पुलिस द्वारा एसीजेएम द्वारा 01 अप्रैल को पारित आदेश को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका पर नोटिस जारी किया।

    कोर्ट ने कहा,

    “पुनर्विचार याचिका का नोटिस प्रतिवादियों को 21.04.2025 तक वापस करने के लिए जारी किया जाए। अगली तारीख तय करने के लिए एलडी एसीजेएम की अदालत का रिकॉर्ड भी मांगा जाए। इस बीच अगली सुनवाई की तारीख तक आरोपित आदेश के संचालन पर रोक रहेगी।”

    दिल्ली पुलिस ने दलील दी कि इस आदेश को रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि एसीजेएम ने मामले में आगे की जांच का निर्देश देने में गलती की। हालांकि शिकायतकर्ता ने CrPC की धारा 156 (3) के तहत FIR दर्ज करने की प्रार्थना की थी।

    यह दलील दी गई कि दंगों में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाले UAPA मामले के लंबित होने के बारे में जानकारी होने के बावजूद एसीजेएम ने आगे की जांच का निर्देश देकर मामले से निपटने वाली स्पेशल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया।

    आक्षेपित आदेश में एसीजेएम ने कहा कि मामले में उनके खिलाफ आगे की जांच जरूरी है, क्योंकि शिकायत में उल्लिखित घटनाओं में से एक के संबंध में उनके खिलाफ संज्ञेय अपराध पाया गया।

    जज ने कहा कि कपिल मिश्रा ने पूछताछ में खुद स्वीकार किया कि वह संबंधित क्षेत्र में मौजूद थे और उनके आसपास लोग इकट्ठा हुए थे और वह उन्हें जानते भी थे। इसलिए उनकी मौजूदगी से शिकायतकर्ता के आरोपों को और पुख्ता करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। शिकायत मोहम्मद इलियास नामक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी। एसीजेएम के समक्ष दिल्ली पुलिस ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दंगों के संबंध में मिश्रा को फंसाने की सुनियोजित साजिश थी।

    दिल्ली पुलिस ने कहा था कि BJP नेता को इस मामले में फंसाया जा रहा है और 2020 के दंगों में उनकी कोई भूमिका नहीं है। शिकायतकर्ता मोहम्मद इलियास ने मिश्रा, दयालपुर थाने के तत्कालीन एसएचओ और भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट और पूर्व भाजपा विधायक जगदीश प्रधान और सतपाल संसद सहित पांच अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की थी।

    इलियास ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 23 फरवरी, 2020 को उन्होंने मिश्रा और उनके साथियों को सड़क जाम करते और रेहड़ी-पटरी वालों की गाड़ियों को नष्ट करते देखा। उन्होंने आगे दावा किया कि तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्व) और अन्य पुलिसकर्मी मिश्रा के बगल में खड़े होकर प्रदर्शनकारियों को क्षेत्र खाली करने या परिणाम भुगतने की चेतावनी दे रहे थे।

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