दिल्ली हाईकोर्ट ने सीनियर सिटीजन एक्ट के खराब कार्यान्वयन का स्वत: संज्ञान लिया, दिल्ली सरकार, डीएम और एसडीएम को नोटिस जारी
Shahadat
30 May 2022 12:50 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने माता-पिता और सीनियर सिटीजन भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 के खराब कार्यान्वयन पर स्वत: संज्ञान लिया। जनहित याचिका की प्रकृति की कार्यवाही न्यायालय द्वारा 23 मई को लिखे गए एडवोकेट नेहा राय के पत्र के आधार पर अपने स्वयं के प्रस्ताव पर शुरू की गई, जिन्होंने उक्त अधिनियम को लागू करने के संबंध में वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला।
एक्टिंग चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस सचिन दत्ता की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और राष्ट्रीय राजधानी में सभी उप-मंडल मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) को नोटिस जारी किया।
उक्त पत्र में कहा गया कि वैधानिक प्राधिकरण अर्थात् जिला मजिस्ट्रेट और उप-मंडल मजिस्ट्रेट 2007 के अधिनियम के शीघ्र कार्यान्वयन में विफल हो रहे हैं। बताया गया कि सीनियर सिटीजन की अपीलों पर ध्यान न देने से उन्हें राहत से वंचित कर दिया जाता है, जिससे उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है।
प्रतिवादियों को पत्र में उल्लिखित मुद्दों पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों और उप मंडल मजिस्ट्रेटों को 2007 के अधिनियम के तहत व्यक्तिगत शिकायतों के बारे में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिस समय के भीतर कार्रवाई की गई और शिकायतों की सामग्री के संबंध में समय के भीतर एसडीएम ने फिजिकल निरीक्षण और सत्यापन पर रिपोर्ट तैयार की थी।
कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट को एक जनवरी, 2022 से पूर्ण लॉग के साथ वेबसाइट/हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त शिकायतों की संख्या को इंगित करने का भी निर्देश दिया।
कोर्ट ने प्रतिवादियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हेल्पलाइन नं. सक्रिय और कार्यशील है।
मामला 12 जुलाई, 2022 को अगली सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया।
केस टाइटल: कोर्ट अपने स्वयं के प्रस्ताव बनाम जीएनसीटीडी