दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी केस में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा

Shahadat

6 April 2023 6:34 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी केस में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने वर्ष 2021-22 के लिए एक्साइज पॉलिसी के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर गुरुवार को नोटिस जारी किया।

    जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा और मामले को 20 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    सिसोदिया की ओर से सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन और मोहित माथुर पेश हुए। एसपीपी अनुपम श्रीवास्तव ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया।

    सिसोदिया को 31 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। वह वर्तमान में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका निचली अदालत में लंबित है।

    सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया को प्रथम दृष्टया आपराधिक साजिश का सूत्रधार माना जा सकता है। यह भी देखा गया कि लगभग 90-100 करोड़ रुपय की अग्रिम रिश्वत का भुगतान उनके और दिल्ली सरकार में उनके अन्य सहयोगियों के लिए था।

    अदालत ने यह भी कहा कि वह सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि उनकी रिहाई चल रही जांच पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है और प्रगति को गंभीर रूप से बाधित पैदा कर सकती है।

    सीबीआई ने आठ घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद आप नेता को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। एफआईआर में उन्हें आरोपी बनाया गया। जांच एजेंसी का मामला है कि वर्ष 2021-22 के लिए एक्साइज पॉलिसी बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताएं हुई हैं।

    सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और सबूतों के सामने आने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।

    सीबीआई की एफआईआर में कहा गया कि सिसोदिया और अन्य एक्साइज पॉलिसी 2021-22 के संबंध में "अनुशंसा करने और निर्णय लेने" में "सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंसधारी पोस्ट टेंडर को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से" महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

    दूसरी ओर, ईडी ने आरोप लगाया कि कुछ निजी कंपनियों को 12% का थोक व्यापार लाभ देने की साजिश के तहत एक्साइज पॉलिसी लागू की गई। इसने कहा कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के कार्यवृत्त में इस तरह की शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।

    एजेंसी ने यह भी दावा किया कि एक साजिश थी, जिसे थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए साउथ ग्रुप के साथ विजय नायर और अन्य व्यक्तियों द्वारा समन्वित किया गया। एजेंसी के मुताबिक, नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की ओर से काम कर रहे थे।

    केस टाइटल: मनीष सिसोदिया बनाम सीबीआई

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