दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी करने से परहेज किया
LiveLaw News Network
7 Oct 2021 12:00 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिवाली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्रकार के पटाखों के स्टॉक, बिक्री और फोड़ने पर "पूर्ण प्रतिबंध" लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी करने से बुधवार को परहेज किया।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने यह सूचित करने के बाद सुनवाई टाल दी कि सुप्रीम कोर्ट एक संबंधित मामले की जांच कर रहा है।
पीठ ने सुनवाई को 22 अक्टूबर तक के लिए स्थगित करते हुए कहा,
"आइए हम इंतजार करें कि सुप्रीम कोर्ट क्या मार्गदर्शन दे रहा है।"
पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें सरकार को पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाय 'ग्रेडेड रेगुलेशन' पर विचार करने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता गौतम झा ने शीर्ष न्यायालय द्वारा पहले जारी किए गए निर्देशों का हवाला दिया और तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेशों में कभी भी "पूर्ण प्रतिबंध" की बात नहीं की और इसलिए, दिल्ली सरकार का निर्णय न्यायिक मिसाल का एक अतिरेक है।
मुख्य न्यायाधीश ने झा से पूछा,
"तो आपकी शिकायत क्या है? वहां आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है? तो यह अवमानना है?"
इस पर झा ने जवाब दिया,
"मैं इसे इस तरह नहीं कह रहा हूं। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश राज्यों द्वारा निर्दिष्ट अवसरों पर सीमित अवधि के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति देता है, जहां हवा की गुणवत्ता मध्यम है।"
इसलिए उन्होंने पीठ से दिवाली के त्योहार पर दिल्ली में दो घंटे के लिए हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति देने का आग्रह किया।
इसके बाद बेंच ने पूछा,
"ग्रीन पटाखे क्या हैं?"
झा ने जवाब दिया,
"ग्रीन पटाखों में कुछ रसायनों का उपयोग प्रतिबंधित है।"
इस मौके पर, सरकारी वकील एसके त्रिपाठी ने अदालत को सूचित किया कि इसी तरह का एक मामला बाद में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आ रहा है।
त्रिपाठी ने कहा,
"पटाखों में अभी भी प्रतिबंधित रसायनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार है।"
तदनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष मामले को 22 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में स्थित निर्माताओं को 10 फरवरी, 2017 के अपने आदेश का उल्लंघन करने के लिए फटकार लगाई है, जो आतिशबाजी में कुछ रसायनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाते हैं। यह खतरनाक और सुरक्षा सीमा से परे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा,
"हमने पहले ही जॉइंट पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन आप जिस भी उत्सव में जाएंगे, आपको जॉइंट पटाखे मिलेंगे। यह कैसे हो रहा है?"
मामले की सुनवाई चेन्नई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के संयुक्त निदेशक द्वारा प्रस्तुत एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद हुई। इसमें बताया गया कि तमिलनाडु स्थित छह पटाखा निर्माता पटाखों के निर्माण में बेरियम और बेरियम लवण का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे रसायनों के उपयोग पर न्यायालय द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट अब इस मुद्दे पर 26 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
केस शीर्षक: राहुल सांवरिया बनाम राज्य