दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑनलाइन एनरॉलमेंट प्रक्रिया को कठिन बताने के लिए दिल्ली बार काउंसिल को कड़ी फटकार लगायी
LiveLaw News Network
12 Dec 2020 10:46 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने मौजूदा COVID-19 महामारी के दौरान लॉ ग्रेजुएट्स के एनरॉलमेंट की प्रक्रिया ऑनलाइन कर पाने में विफल रहने को लेकर बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) को शुक्रवार को कड़ी फटकार लगायी और उससे पूछा, "जब COVID-19 महामारी के दौरान हर चीजें डिजिटल हो रही हैं तो हम कैसे यह दलील मान लें कि बीसीडी के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाना मुश्किल हो सकता है?"
न्यायमूर्ति नवीन चावला की एकल पीठ ने बिहार के चार लॉ ग्रेजुएट्स -अभिषेक आनंद, गौरव कुमार, प्रिया रंजन और अनुराग यादव- की ओर से दायर उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह सवाल दिल्ली बार काउंसिल से पूछा, जिसमें महामारी के मद्देनजर दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मौजूद होने में अपनी असमर्थता जताते हुए काउंसिल से एनरॉलमेंट की प्रक्रिया को ऑनलाइन किये जाने का अनुरोध किया गया है।
हाईकोर्ट ने काउंसिल को जवाब के लिए एक सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
बेंच ने पिछले सप्ताह विद्यार्थियों की याचिका पर उस वक्त नोटिस जारी किया था जब उन्होंने दलील दी था कि बार काउंसिल के साथ एनरॉल होने में विफल रहने की स्थिति में वे ऑल इंडिया बार एक्जामिनेशन में बैठने के लिए पात्र नहीं रह पाएंगे, जबकि आवेदन की अंतिम तिथि 19 दिसम्बर है। कोर्ट ने ऑनलाइन एनरॉलमेंट की प्रक्रिया के सवाल पर दिल्ली बार काउंसिल से जवाब मांगा था।
लॉ ग्रेजुएट्स की ओर से दलील दी गयी थी कि कई अन्य राज्यों- जैसे केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश- ने इस वर्ष अगस्त - सितम्बर में लॉ ग्रेजुएट्स के लिए ऑनलाइन एनरॉलमेंट प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
उन लोगों ने यह भी कहा था कि दिल्ली बार काउंसिल ने एक ऐसी ही याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को गत सितम्बर में बताया था कि एनरॉलमेंट की ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया के मुद्दे पर हल के लिए कुछ कदम उठाये जा रहे हैं, लेकिन आज तक काउंसिल द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि उनलोगों की ओर से दिल्ली बार काउंसिल को एक रिप्रजेंटेशन भी दिया गया था, लेकिन उसने इस पर कोई जवाब भी नहीं दिया है।