दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को गर्भावस्था के चिकित्सकीय समापन की अनुमति दी, डीएसएलएसए को मुआवजे देने की की जांच करने का निर्देश दिया
Avanish Pathak
12 Jun 2023 11:35 AM

Delhi High Court
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को 13 वर्षीय नाबालिग बलात्कार पीड़िता को 24 से 26 सप्ताह के भ्रूण के साथ गर्भपात कराने की अनुमति दे दी। जस्टिस जसमीत सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को नाबालिग को दिए जाने वाले मुआवजे पर गौर करने का भी निर्देश दिया।
09 जून को अदालत ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल में कम से कम दो डॉक्टरों वाले मेडिकल बोर्ड को निर्देश दिया था कि वह नाबालिग के गर्भपात के मामले की समीक्षा करे।
बोर्ड द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए जस्टिस सिंह ने आदेश दिया,
"मेडिकल बोर्ड की राय को ध्यान में रखते हुए, जिसमें यह राय दी गई है कि इस मामले में गर्भावस्था को जारी रखने से मां और भ्रूण दोनों को अधिक जोखिम होता है, यह निर्देश दिया जाता है कि गर्भावस्था को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए।"
अदालत ने नाबालिग द्वारा अपने पिता के माध्यम से पंजीकृत चिकित्सकों के माध्यम से गर्भावस्था को समाप्त करने की याचिका को स्वीकार कर लिया।
दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, 13 वर्षीय नाबालिग अपनी दादी के घर गई थी, जहां उसी इलाके में एक किराएदार ने उसके साथ बलात्कार किया था।
इसके बाद नाबालिग अपने पैतृक स्थान भोपाल चली गई जहां उसकी तबीयत खराब हो गई और उसके माता-पिता उसे अस्पताल ले गए जहां पता चला कि वह गर्भवती है।
यह भी कहा गया कि जीरो एफआईआर दर्ज की गई और नाबालिग की 30 मई को एक सरकारी अस्पताल में चिकित्सकीय जांच की गई, जहां वह 24 सप्ताह की गर्भवती पाई गई।
अदालत को यह भी अवगत कराया गया कि नाबालिग का दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज किया गया था।
आदालत ने आदेश में कहा,
“याचिका की अनुमति दी जाती है और इसका निस्तारण किया जाता है। डीएसएलएसए पीड़ित को दिए जाने वाले मुआवजे पर भी गौर करेगा।”
टाइटल: माइनर विक्टिम बनाम बनाम द स्टेट और अन्य।