अमेरिकी महिला से दुष्कर्म के आरोपी व्यक्ति की जमानत दिल्ली हाईकोर्ट ने मंजूर की, पीड़िता नहीं चाहती मामले को बढ़ाना

LiveLaw News Network

25 Feb 2021 4:46 AM GMT

  • अमेरिकी महिला से दुष्कर्म के आरोपी व्यक्ति की जमानत दिल्ली हाईकोर्ट ने मंजूर की, पीड़िता नहीं चाहती मामले को बढ़ाना

    दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेरिकी महिला के साथ बलात्कार के सह-आरोपी की नियमित जमानत याचिका हाल ही में मंजूर कर ली।

    न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने उस वक्त जमानत याचिका मंजूर कर ली जब उन्हें यह अवगत कराया गया कि बलात्कार पीड़िता ने मामले को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है।

    बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की ओर से पीड़िता के लिए नियुक्त वकील ने मामले से खुद को अलग करने की अनुमति मांगी थी। यहां तक कि अमेरिकी न्याय विभाग के एटर्नी ने भी उन्हें सूचित किया था कि पीड़िता इस मामले को अब आगे नहीं बढ़ाना चाहती।

    राज्य सरकार की ओर से भी कोर्ट को बताया गया कि शिकागो स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास और अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से गृह मंत्रालय को भेजे गये कुछ मेल उसे प्राप्त हुए हैं, जिसमें पीड़िता ने सूचना दी है कि वह इस मामले में न तक कोई गवाही देना चाहती है, न ही आगे इसे बढ़ाना चाहती है। बलात्कार पीड़िता ने यहां तक कहा है कि भारतीय अधिकारी इस मामले में अब उससे सम्पर्क न करे।

    सफदरजंग एनक्लेव पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डी (अस्पताल में किसी महिला से अस्पताल प्रबंधन / कर्मचारी द्वारा यौन संबंध बनाना) और 506 (डराने - धमकाने) के तहत दर्ज प्राथमिकी के अनुसार भारत यात्रा के दौरान दो सितम्बर 2017 को अमेरिकी महिला के साथ हुए कथित दुष्कर्म के मामले में शमीम और अमित बालगुहार (याचिकाकर्ता) को आरोपी बनाया गया था।

    शमीम इस मामले में अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर है, जबकि बालगुहार ने अपने बच्चे के एब्डॉमिनल टीबी से पीड़ित होने को आधार बनाकर जमानत मांगी थी। बच्चे की बीमारी के संदर्भ में उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि सरकार ने भी कराई थी।

    सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त जमानत का हकदार है, लेकिन उसे इसके लिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष एक लाख रुपये का जमानती बांड भरना होगा और इतनी ही राशि के दो मुचलके पेश करने होंगे।

    एडवोकेट अक्षय मलिक और एडवोकेट के. सलीम याचिकाकर्ता / अभियुक्त की ओर से पेश हुए।

    एपीपी केवल सिंह आहूजा ने सरकार की ओर से पैरवी की।

    केस टाइटल : अमित बालगुहार बनाम राज्य सरकार

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