दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेज़न को हमदर्द समूह से संबंधित नहीं होने वाले 'रूह अफज़ा' उत्पादों की सूची हटाने का निर्देश दिया
Shahadat
9 Sept 2022 10:12 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेज़ॅन इंडिया को हमदर्द समूह से उत्पादित नहीं होने वाले प्रसिद्ध 'रूह अफज़ा' प्रोडक्ट की सूची को हटाने का निर्देश दिया, जिससे उसके पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा दी गई।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह का विचार था कि चूंकि 'रूह अफज़ा' ऐसा प्रोडक्ट है जिसे भारतीय जनता अब एक सदी से अधिक समय से पी रही है। इसलिए भारतीय कानूनी माप विज्ञान अधिनियम, 2009 (FSSAI) के तहत गुणवत्ता मानकों को खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित लागू नियमों का पालन करना होगा।
हमदर्द नेशनल फाउंडेशन (इंडिया) और हमदर्द दवाखाना ने दो कंपनियों अमेजन इंडिया लिमिटेड और मैसर्स गोल्डन लीफ के खिलाफ मुकदमा दायर किया। उक्त मुकदमा उसके प्रोडक्ट और 'रूह अफजा' के ट्रेडमार्क से संबंधित है।
1907 में वादी द्वारा 'रूह अफज़ा' ट्रेडमार्क अपनाया गया और उसके द्वारा गैर-मादक शरबत और पेय पदार्थों सहित उत्पादों की श्रृंखला के लिए इस्तेमाल किया गया, जिसके लिए हमदर्द दवाखाना ने 11 अगस्त, 1975 को हमदर्द नेशनल फाउंडेशन (भारत) से असाइनमेंट प्राप्त किया।
यह वादी का मामला है अमेज़न इंडिया लिमिटेड, मेसर्स अमेजन.इन प्लेटफॉर्म पर विक्रेता गोल्डन लीफ उत्पाद 'रूह अफजा' बेच रहा है। उक्त प्रोडक्ट की खरीद करने पर वादी यह जानकर हैरान रह गए कि उक्त प्रोडक्ट का निर्माण उनके द्वारा नहीं किया गया है। खरीद को प्रभावित करने के सभी तीन अवसरों पर यह पाया गया कि जिस प्रोडक्ट की आपूर्ति की गई है, वह कराची, पाकिस्तान से 'हमदर्द प्रयोगशालाओं (वक्फ), पाकिस्तान' द्वारा निर्मित होने का दावा किया गया।
भौतिक प्रोडक्ट पर विचार करते हुए न्यायालय का विचार था कि उन्हें 'हमदर्द प्रयोगशाला (वक्फ), कराची, पाकिस्तान' द्वारा निर्मित दिखाया गया है और प्रोडक्ट पर उल्लिखित निर्माता के नाम के अलावा कोई अन्य विवरण नहीं है।
अदालत ने कहा,
"यह आश्चर्यजनक है कि आयातित प्रोडक्ट निर्माता के पूर्ण विवरण के बिना अमेजन प्लेटफॉर्म पर बेचा जा रहा है। इसके अलावा, जब कोई 'विजिट द हमदर्द स्टोर' लिंक पर क्लिक करता है तो वह उपभोक्ता को अमेजन.कॉम पर 'हमदर्द लेबोरेटरीज इंडिया' के वेबपेज पर ले जाता है, जो वादी का है। इस प्रकार, अमेजन.इन प्लेटफॉर्म पर किसी भी उपभोक्ता या उपयोगकर्ता द्वारा हमदर्द लेबोरेटरीज (वक्फ), पाकिस्तान से उत्पन्न 'रूह अफज़ा' प्रोडक्ट को वादी से जुड़ा या उत्पन्न होने के रूप में भ्रमित करेगा।"
इसमें कहा गया,
"जब तक उपभोक्ता वास्तव में प्रोडक्ट हासिल नहीं करता, तब तक उसके पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि बेचा जा रहा प्रोडक्ट वादी का है या नहीं। इसका उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। विक्रेता ज्ञात नहीं हैं। चूंकि अमेजन.इन मध्यस्थ होने का दावा करता है, इसलिए उस पर प्रोडक्ट लिस्टिंग पर विक्रेताओं के नाम, उनके संपर्क विवरण आदि का खुलासा करने का दायित्व है।"
तदनुसार, कोर्ट ने अमेज़ॅन इंडिया को यह भी जांचने का निर्देश दिया कि कौन से विक्रेता हैं, जो अपने प्लेटफॉर्म पर 'रूह अफज़ा' प्रोडक्ट बेच रहे हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि यदि कोई भी प्रोडक्ट हमदर्द समूह का नहीं है तो उनको लिस्टिंग से हटा दिया जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि चूंकि अमेज़ॅन सेलर्स सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत मध्यस्थ होने का दावा करता है, इसलिए वह विक्रेताओं के विवरण, पूर्ण पते और संपर्क विवरण को स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करेगा, जो रूह अफज़ा प्रोडक्ट लिस्टिंग पर उल्लिखित है।
कोर्ट ने कहा,
"अगर ये प्रोडक्ट लिस्टिंग पर उपलब्ध नहीं हैं तो अमेज़न सेलर्स स्पष्ट करेंगे कि किस तरह से उपभोक्ताओं को अमेजन.इन प्लेटफॉर्म से इस तरह के विवरण प्राप्त करने की उम्मीद है। उक्त हलफनामा चार सप्ताह के भीतर दायर किया जाएगा।"
अब मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
केस टाइटल: हमदर्द नेशनल फाउंडेशन (इंडिया) और अन्य बनाम अमेज़न इंडिया लिमिटेड और अन्य।
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