दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपी अफगान नागरिक को अपने देश लौटने की अनुमति नहीं दी; कहा-मौजूदा परिस्थितियों में वापसी की संभावना कम

LiveLaw News Network

9 Sept 2021 11:57 AM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट

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    तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान में मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनज़र दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अफगान नागरिक को अपने परिवार की देखभाल के लिए अपने देश लौटने की अनुमति देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर अनुमति दी जाती है तो उसके वापस लौटने की संभावना बहुत कम है।

    जस्टिस मुक्ता गुप्ता की अदालत के समक्ष अफगान नागरिक ने दलील दी थी कि उसकी पहली पत्नी की आतंकवादियों ने हत्या कर दी है और उसे 11 बच्चों सहित अपने परिवार की देखभाल करनी है।

    उसे दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय रोका गया था, जब 90 लाख रुपए की दवाएं अवैध रूप से अफगानिस्तान ले जा रहा था। जिसके बाद अतिरिक्त आयुक्त सीमा शुल्क ने 13 लाख रुपए के जुर्माने के अलावा 9 रुपए लाख की रिडेम्प्शन फाइन लगाई थी। बाद में सीएमएम की अदालत ने उसे जुर्माने के भुगतान के बाद अफगानिस्तान जाने की अनुमति दी थी। सीएमएम के आदेश के खिलाफ दायर एक पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया गया था, जिसके बाद वर्तमान रिट याचिका दायर की गई थी।

    शुरुआत में, उच्च न्यायालय ने नोट किया कि अतिरिक्त आयुक्त सीमा शुल्क के आदेश के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई थी और इस प्रकार, यह अंतिम रूप ले चुका है।

    कोर्ट ने कहा, "इस तथ्य और विशेष रूप से अफगानिस्तान की मौजूदा परिस्थितियों मद्देनजर याचिकाकर्ता के भारत वापस आने की बहुत कम संभावना है, इस न्यायालय के पास याचिकाकर्ता का पासपोर्ट और परमिट जारी करने का कोई आधार नहीं है...।"

    यह जोड़ा, "यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता के रूप में न्यायिक कार्यवाही अंतिम हो चुकी है और याचिकाकर्ता भी सामान को र‌िडीम नहीं करना चाहता है, उसे जुर्माना जमा करने की आवश्यकता है, इसलिए इस न्यायालय को आक्षेपित निर्णय में कोई त्रुटि नहीं दिखती है।"

    इसी प्रकार के एक मामले में, हाईकोर्ट ने हाल ही में इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस पुलिस (आईटीबीपी) कर्मियों और आईटीबीपी के साथ कार्यरत दो महिला कांस्टेबलों की एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिन्होंने भारतीय मिशन, अफगानिस्तान में पुन: तैनाती की मांग की थी।

    केस शीर्षक: रुहुल्ला अमीन बनाम एसएच अमित कुमार एयर कस्टम्स ऑफिसर

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