दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से COVID-19 से संबंधित दवाओं के राजनेताओं द्वारा बांटने और उनकी जमाखोरी करने के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर जवाब मांगा

LiveLaw News Network

5 May 2021 7:58 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से COVID-19 से संबंधित दवाओं के राजनेताओं द्वारा बांटने और उनकी जमाखोरी करने के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर जवाब मांगा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस बाजार में आम आदमी के लिए अनुपलब्ध COVID-19 से संबंधित दवाओं की जमाखोरी और गैरकानूनी तरीके से वितरित करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली जनहित पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा ।

    न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को मामले में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा और मामले को 17 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    हालांकि, केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा मेडिकल माफिया-राजनेताओं की सांठगांठ की जांच की मांग करने वाली याचिका में एक विशिष्ट प्रार्थना के संबंध में बेंच ने कहा कि वह इस मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए इच्छुक नहीं है।

    हरुदुआ फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. दीपक सिंह द्वारा दायर इस याचिका में अधिवक्ता गौरव पाठक ने "राजनेताओं और चिकित्सा माफियाओं की सांठगांठ" की सीबीआई जांच की मांग की और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में लेने की अपील की, जो COVID-19 से संबंधित दवाओं की कालाबाजारी में लिप्त है।

    याचिका में हाइलाइट किए गए राजनेताओं द्वारा COVID-19 से संबंधइत दवाओं को वितरित करने की घटनाएं इस प्रकार हैं:

    - सांसद गौतम गंभीर, भारतीय जनता पार्टी ने अपने कार्यालय से फाबिफ्लू के मुफ्त वितरण की घोषणा की।

    - बीजेपी गुजरात इकाई के प्रमुख ने रेमडेसिवीर के 5,000 डोज के मुफ्त वितरण की घोषणा की।

    - उत्तर महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक शिरीष चौधरी ने बिना किसी लाइसेंस के अवैध रूप से रेमडेसिवीर शीशियों का वितरण किया।

    -शरद पवार और एनसीपी के रोहित पवार ने कथित तौर पर रेमडेसिवीर के 300 से अधिक शीशियों का वितरण किया।

    याचिका में कहा गया,

    "रेमडेसिवीर के होर्डिंग और ब्लैक मार्केटिंग के संबंध में राज्यों में गिरफ्तारी की जा रही है। यह सबसे विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया गया है कि ये उदाहरण प्रकृति में अलग-थलग नहीं हैं, लेकिन एक बड़े पैमाने पर माफिया ऑपरेशन की ओर इशारा करते हैं, जिसमें राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं। अनुचित यह है कि रेमडेसिवीर की एक एकल शीशी जिसकी आम तौर पर लगभग 1000 / - रु. है, अब 70,000 / - रूपए से ऊपर के ब्लैक में बेची जा रही है।

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