UAE में हिरासत में लिए गए एक्ट्रेस सेलिना जेटली के भाई, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से संपर्क कराने में मदद करने को कहा
Shahadat
4 Dec 2025 7:47 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (4 दिसंबर) को विदेश मंत्रालय से एक्ट्रेस सेलिना जेटली और उनके भाई के बीच कॉन्टैक्ट कराने में मदद करने को कहा, जिन्हें UAE में गिरफ्तार करके हिरासत में लिया गया था। बता दें, एक्ट्रेस सेलिना जेटली के भाई रिटायर्ड इंडियन आर्मी ऑफिसर हैं।
कोर्ट जेटली की उस अर्जी पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने अपने भाई के लिए असरदार कानूनी मदद मांगी है।
कुछ देर मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस सचिन दत्ता ने मुंह से कहा:
"मैंने ये दो निर्देश जारी किए हैं। नंबर 1, कॉन्सुलेट ऑफिसर हिरासत में लिए गए व्यक्ति को बताएगा कि अगर वह चाहे तो याचिकाकर्ता से कॉन्टैक्ट कर सकता है। नंबर 2, अगर किसी और तरीके से यह मुमकिन नहीं है तो वे टैम ऐप के ज़रिए कॉन्टैक्ट कराने की कोशिश करेंगे।"
सुनवाई के दौरान भाई की पत्नी की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें विदेश मंत्रालय से ज़रूरी मदद मिली है।
उन्होंने आगे कहा,
"हम (पत्नी) हिरासत में लिए गए व्यक्ति के टच में हैं। उसने वीडियो कॉल की है। हफ्ते में एक बार वीडियो मीटिंग होती है। विक्रांत ने अभी के लिए अपनी बहन से कॉन्टैक्ट न करने की अपनी पसंद बताई है। यह केस पूरी तरह से गैर-ज़रूरी है।"
इस बीच मामले में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा:
"हम माननीय कोर्ट में यह साफ़ करना चाहते हैं कि सरकार पूरी तरह से जागरूक और सेंसिटिव है और परिवार की क्रेडिबिलिटी की बहुत तारीफ़ करती है। यह आर्म्ड फोर्सेज़ में सेवा करने वाली चौथी पीढ़ी है। उन्होंने अपनी जान दी है। सरकार पूरी तरह से जागरूक है। हम चाहते हैं कि जो हो सकता है, हम उसे आसान बनाएं। लेकिन दूसरी तरफ़ मेरे दोस्त को भी शायद फिर से सोचना चाहिए कि भाई बहन से बात क्यों नहीं करना चाहेगा।"
कोर्ट ने आगे कहा,
"इसलिए आप कॉन्सुलेट के अधिकारी से कहें, जो हिरासत में लिए गए व्यक्ति से मिलने जाएगा कि वह हिरासत में लिए गए व्यक्ति को यह समझाए कि उसके पास उससे (सेलिना) कॉन्टैक्ट करने का ऑप्शन है...मेरा डायरेक्शन नंबर 2 है कि आप ऐसे कॉन्टैक्ट की सुविधा देंगे।"
कोर्ट ने केंद्र से यह भी कहा कि वह अगले कुछ दिनों में कॉन्सुलर एक्सेस पक्का करे।
इसके बाद कोर्ट ने कहा,
"ASG ने कहा कि ऊपर दिए गए निर्देश को लागू करने के लिए जल्द से जल्द कॉन्सुलर एक्सेस पाने की कोशिश की जाएगी। नई स्टेटस रिपोर्ट फाइल की जाए।"
पहले कोर्ट ने जेटली की अर्जी पर नोटिस जारी किया और निर्देश दिया:
1. रेस्पोंडेंट मेजर (रिटायर्ड) विक्रांत कुमार जेटली को उनकी गिरफ्तारी और हिरासत (UAE में) के संबंध में असरदार कानूनी मदद देने के लिए कदम उठाए।
2. रेस्पोंडेंट मेजर (रिटायर्ड) विक्रांत कुमार जेटली और याचिकाकर्ता (उनकी बहन) के साथ-साथ उनकी पत्नी के बीच बातचीत/संपर्क को आसान बनाने की कोशिश करेगा।
3. रेस्पोंडेंट (विदेश मंत्रालय) ऊपर बताए गए मकसद के लिए नोडल ऑफिसर तैनात करेगा। साथ ही याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को ऊपर बताई गई बातों और हिरासत में लिए गए व्यक्ति के ठिकाने/मौजूदा हालत के साथ-साथ UAE में कानूनी कार्रवाई की स्थिति के बारे में जानकारी देता रहेगा।
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सेलिना के वकील ने कहा कि नोडल ऑफिसर तो अपॉइंट कर दिया गया लेकिन पहले दो निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इस बीच, केंद्र के वकील ने कहा कि उसने तीनों निर्देशों का पालन किया।
वकील ने कहा,
"उन्होंने एक खास वकील के लिए रिक्वेस्ट की है, हम उसे देने के लिए तैयार हैं।"
हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा,
"हमने रिक्वेस्ट की थी कि 16 महीने से किसी ने भी उसे (हिरासत में लिए गए व्यक्ति को) रिप्रेजेंट नहीं किया।"
कोर्ट ने इस पर पूछा,
"क्या आप अपने भाई से कॉन्टैक्ट कर पाई हैं या नहीं?"
इस पर वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता अपने भाई को कॉल नहीं कर पाई।
उन्होंने कहा कि कॉन्टैक्ट कॉलिंग कार्ड जेल अथॉरिटीज़ के साथ अपडेट हो जाता है और कैदी यह नहीं चुन सकता कि किसे कॉल करना है; यह निर्देश अधिकारियों को एम्बेसी के ज़रिए असरदार तरीके से देना होगा।
कोर्ट ने पूछा,
"आप चाहते हैं कि रेस्पोंडेंट जेल अथॉरिटीज़ के साथ अरेंज करे कि हिरासत में लिया गया व्यक्ति आपको कॉल करे?"
याचिकाकर्ता के वकील ने फिर कहा,
"UAE एक TAM ऐप पर सर्विस देता है, चाहे कोई भी कैदी ऐप एक्सेस कर सके या मैं ऐप एक्सेस कर सकूं और उसके ज़रिए कॉलिंग कार्ड कनेक्ट हो जाता है। हम बातचीत कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड और एक्टिवेट करने के लिए हमें एक वैलिड एमिरेट्स ID चाहिए। यह उसके (भाई) की तरफ़ से नहीं हो सकता, उसकी ID एक्सपायर हो गई। वह UAE की रहने वाली नहीं है, वह ऐप इस्तेमाल नहीं कर सकती। अगर हमें तरीकों से कॉन्सुलर एक्सेस दिया जा सकता है तो।"
उन्होंने आगे कहा कि पहले के ऑर्डर का डायरेक्शन 2 लागू किया जा सकता है, जिसमें बहन को अपने भाई से कॉन्टैक्ट करने की इजाज़त दी जाए।
इस बीच पत्नी के वकील ने यह भी कहा कि जिस दिन यह घटना हुई, पत्नी ने MEA से कॉन्टैक्ट किया और उसे सभी ज़रूरी मदद दी गई।
उन्होंने आगे कहा,
"यह याचिकाकर्ता को भी यहाँ बता दिया गया। लेकिन अपने कारणों से...उसने यह चुना है।"
इसके बाद कोर्ट ने कहा,
"याचिकाकर्ता अपने भाई से कॉन्टैक्ट करने की हक़दार है और मैंने कॉन्सुलेट को यह आसान बनाने का निर्देश दिया।"
Case title: CELINA JAITLY v/s UNION OF INDIA

