दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों और उनके परिवार के लिए COVID-19 सुविधाओं की स्थापना के लिए दायर दिल्ली बार काउंसिल की याचिका को अनुमति दी

LiveLaw News Network

4 May 2021 6:46 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों और उनके परिवार के लिए COVID-19 सुविधाओं की स्थापना के लिए दायर दिल्ली बार काउंसिल की याचिका को अनुमति दी

    दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के बार काउंसिल द्वारा दायर एक जनहित याचिका को अनुमति दी। इस याचिका में पंजीकृत वकीलों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए COVID-19 सुविधा की मांग की गई थी।

    हाईकोर्ट ने रॉकलैंड अस्पताल, नई दिल्ली को टेस्ट, स्वच्छता, सफाई और उपरोक्त सुविधा को चालू करने के उद्देश्य से याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील को अपनी चाबी सौंपने का निर्देश दिया।

    न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एक खंडपीठ बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के कार्यकारी समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें सुझाव दिया गया था कि नई दिल्ली के द्वारका में स्थित रॉकलैंड होटल को एक COVID-19 अस्पताल में बदला जा सकता है और इसका उपयोग एडवोकेट और उनके परिवार के सदस्यों के लिए COVID-19 स्वास्थ्य सुविधा के रूप में किया जा सकता है।

    सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अदालत को अवगत कराया कि रॉकलैंड अस्पताल खाली पड़ा है और इसका इस्तेमाल COVID-19 की सुविधा स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा सकता है।

    रॉकलैंड अस्पताल की ओर से पेश वकील ने कोर्ट में कहा कि प्रबंधन चाबियां सौंपने को तैयार है।

    इस संबंध में वकील ने कहा,

    "हमारे पास 6 वेंटिलेटर और खाली सिलेंडरों के साथ 77 बेड हैं। अगर आज इसे COVID-19 सुविधा में बदल दिया जाता है, तो यह कई लोगों की जान बचा सकता है।"

    जीएनसीटीडी की ओर से पेश हुए वकील राहुल मेहरा द्वारा दिए गए आश्वासन के मद्देनजर कि प्रशासन पूर्वोक्त संबंध में सहयोग करना कहकर न्यायालय ने इस प्रकार निर्देश दिया:

    "मेहरा प्रशासन का सहयोग करेंगे। गुप्ता को चाबियां सौंपी जाए। बार काउंसिल के पास चाबी लेने और जांच करने की सुविधा हो।

    इस संबंध में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने वकीलों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए इलाज का खर्च उठाने और डॉक्टरों, नर्सों, दवाओं और एंबुलेंस की व्यवस्था करने पर सहमति व्यक्त की है।

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