दिल्ली में खतरनाक AQI लेवल को कंट्रोल करने के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग वाली याचिका पर कल होगी सुनवाई
Amir Ahmad
2 Dec 2025 5:46 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट कल (बुधवार) शहर के अधिकारियों को एयर पॉल्यूशन लेवल और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को कंट्रोल करने और कम करने के लिए तुरंत और लंबे समय के लिए असरदार कदम उठाने का निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा।
यह याचिका आज जस्टिस सचिन दत्ता के सामने लिस्ट की गई थी, जिन्होंने कहा कि याचिका का नेचर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन जैसा है। इसलिए इस मामले की सुनवाई संबंधित बेंच को करनी चाहिए।
उन्होंने कहा,
"यह एक PIL जैसा है। इसमें की गई मांगें बहुत दूरगामी हैं।"
कोर्ट ने आदेश दिया,
"चीफ जस्टिस के आदेशों के अनुसार इस मामले को कल संबंधित डिविजन बेंच के सामने रखा जाए।"
जानकारी के लिए PIL बेंच में चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला शामिल हैं।
यह याचिका ग्रेटर कैलाश-II वेलफेयर एसोसिएशन ने अपने जनरल सेक्रेटरी संजय राणा के ज़रिए एडवोकेट उदयन शर्मा के माध्यम से दायर की।
याचिका में कहा गया कि भले ही अधिकारियों ने AQI लेवल खतरनाक कैटेगरी में पहुंचने पर स्टेज III के उपायों को लागू करने का आदेश दिया था लेकिन वे तय कदमों को समय पर और प्रभावी ढंग से लागू करने में नाकाम रहे जिससे गंभीर स्थिति बिना किसी रुकावट के बनी रही।
याचिका में कहा गया,
"आज तक बिना किसी असली या ठोस ज़मीनी उपाय के इस तरह की देरी से और दिखावटी कार्रवाई से केवल और देरी हुई है, जिससे लोगों के जीवन और स्वास्थ्य को लापरवाही से खतरे में डाला गया और मौजूदा पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की गंभीरता के प्रति पूरी तरह से अनदेखी की गई।"
इसमें आगे कहा गया कि ऐसी स्थिति कोई अलग या एक बार होने वाली घटना नहीं है बल्कि यह एक बार-बार होने वाली मौसमी और अब लगभग पुरानी समस्या बन गई है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली के निवासियों के फेफड़ों और स्वास्थ्य पर लगातार हमला हो रहा है।
याचिका में वायु प्रदूषण को रोकने करने के लिए मौजूदा उपायों जिसमें GRAP भी शामिल है, उसको प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग की गई। खासकर कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन की धूल, सड़क की धूल, गाड़ियों से होने वाले उत्सर्जन, औद्योगिक उत्सर्जन और कचरा जलाने के संबंध में।
इसमें आगे दिल्ली के लिए एक व्यापक स्वच्छ वायु कार्य योजना तैयार करने की भी मांग की गई, जिसमें सेक्टर-वार उत्सर्जन इन्वेंट्री, वायु प्रदूषण को कम करने और AQI में सुधार के लिए विशिष्ट समय-सीमा वाले लक्ष्य, प्रत्येक विभाग को जिम्मेदारियों का स्पष्ट आवंटन और एक मजबूत निगरानी ढांचा शामिल हो।
इस याचिका में दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों की प्लानिंग, कार्यान्वयन और मॉनिटरिंग के लिए साफ तौर पर तय कानूनी अधिकारों वाली एक यूनिफाइड नोडल अथॉरिटी बनाने की भी मांग की गई है, जिसमें नागरिकों की भागीदारी और AQI की पारदर्शी सार्वजनिक जानकारी देने का भी प्रावधान हो।

