एमजे अकबर बनाम प्रिया रमानी केसः दिल्ली हाईकोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में प्रिया रमानी को बरी करने के खिलाफ एमजे अकबर की याचिका पर 5 मई तक सुनवाई स्थगित की

LiveLaw News Network

25 March 2021 7:43 AM GMT

  • एमजे अकबर बनाम प्रिया रमानी केसः दिल्ली हाईकोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में प्रिया रमानी को बरी करने के खिलाफ एमजे अकबर की याचिका पर 5 मई तक सुनवाई स्थगित की

    दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की अपील पर 5 मई तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी है। अपनी याचिका में एमजे अकबर ने "मीटू" यौन उत्पीड़न के आरोपों में उनके द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बरी करने के फैसले को चुनौती दी है।

    न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता के न्यायालय में उपस्थित नहीं होने के कारण यह स्थगन आदेश दिया गया।

    वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा और एडवोकेट राजीव नायर ने अदालत से मामले को आगे के तर्कों के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। अब इस मामले की सुनवाई 5 मई को होगी।

    अक्टूबर, 2018 में एमजे अकबर द्वारा दिल्ली की एक अदालत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। उसके बाद यौन उत्पीड़न की कई महिलाओं द्वारा आरोप लगाए गए था। '#MeToo' आंदोलन के तहत रमानी द्वारा भी कई ट्वीट किए गए थे, जिनमें यह खुलासा किया कि 'द वोग' में उनके द्वारा लिखे गए लेख में एक यौन उत्पीड़न करने वाला वह व्यक्ति एमजे अकबर था।

    दिल्ली की एक अदालत ने 17 फरवरी को प्रिया रमानी को मामले में बरी कर दिया।

    ट्रायल कोर्ट ने मामले में प्रिया रमानी को बरी करते हुए कहा,

    "महिला को दशकों के बाद भी अपनी पसंद के किसी भी मंच पर शिकायत दर्ज करने का अधिकार है। महिला को फिर से यौन शोषण के लिए आवाज उठाने के लिए दंडित नहीं किया जा सकता है। प्रतिष्ठा का अधिकार गरिमा के अधिकार की कीमत पर संरक्षित नहीं किया जा सकता है।

    वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने एमजे अकबर का प्रतिनिधित्व किया जबकि प्रिया रमानी का प्रतिनिधित्व दिल्ली की अदालत के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन पेश हुए।

    Next Story