संपत्ति विवाद मामले की सुनवाई के दौरान जज ने लिखी कविता, आरोपी को दी जमानत

Amir Ahmad

21 July 2025 11:32 AM IST

  • संपत्ति विवाद मामले की सुनवाई के दौरान जज ने लिखी कविता, आरोपी को दी जमानत

    दिल्ली कोर्ट के जज न संपत्ति विवाद मामले में आरोपी व्यक्ति को ज़मानत देते हुए "जंग-मिल्कियत" शीर्षक से अपनी कविता लिखी।

    रोहिणी अदालत के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट रोहित कुमार ने नितिन सोनी नामक व्यक्ति को उस मामले में ज़मानत दी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने और उसकी पत्नी ने शिकायतकर्ता की संपत्ति का ताला तोड़कर उस पर रॉड से हमला करके उस पर अवैध कब्ज़ा कर लिया था।

    जमानत आदेश की शुरुआत जज द्वारा अपनी कविता लिखने से हुई, जो इस प्रकार है-

    “मिल्कियात की जंग में ना जाने कितने अफ़साने हुए, कुछ ही अपने थे, वो भी अब बेगाने हुए।

    बांके कृष्णा, अब किसी को आना होगा, सीधे, लड़ते, बिगड़ते रिश्तों को बचाना होगा।

    ना जाने ये जंग और कितनी महाभारत लाएगी, आखिर कितनों को सलाह तक ले जाएगी।

    बनकर बेटी, रिश्तों को बचाना होगा, सभी रिश्तों को निभाना होगा।

    क्या रक्खा है इस जंग में कोई बताएगा, आख़िर इस धरती से कौन क्या ही ले जाएगा।”

    सोनी को 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस के जवाब के अनुसार, कोर्ट ने शिकायतकर्ता के पक्ष में संपत्ति पर कब्ज़ा करने का निर्देश दिया था।

    यह बताया गया कि आरोपी के खिलाफ कई PCR कॉल, शिकायतें और एनसीआर दर्ज की गई थीं और सोनी पर निवारक कार्रवाई के लिए मुकदमा भी चलाया जा रहा था।

    सोनी के वकील ने दलील दी कि यह अवैध कब्जे का मामला नहीं है, क्योंकि उनकी मां ने मौखिक समझौते पर उन्हें खुद कब्ज़ा दिया था।

    यह तर्क दिया गया कि सोनी और उनके परिवार की तस्वीरें मौजूद हैं, जिनसे साफ़ पता चलता है कि 10 जुलाई से पहले ही संपत्ति पर उनका कब्ज़ा था।

    उनके वकील ने कहा कि अगर सोनी की ओर से अवैध कब्ज़ा और अतिक्रमण था तो उनके खिलाफ अवमानना और बेदखली की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की गई?

    अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि सोनी ने तैयारी के बाद शिकायतकर्ता की संपत्ति पर अवैध कब्ज़ा कर लिया था। भले ही शिकायतकर्ता को संपत्ति से बेदखल कर दिया गया हो, फिर भी वह रचनात्मक कब्जे में थी।

    अदालत के एक विशिष्ट प्रश्न पर जांच अधिकारी ने प्रस्तुत किया कि अब तक कोई सीसीटीवी फुटेज या वीडियो बरामद नहीं हुआ है, जिससे यह पता चले कि सोनी ने 10 जुलाई या उससे पहले संपत्ति का ताला तोड़ा और संपत्ति में प्रवेश किया था।

    न्यायाधीश ने कहा,

    "मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद अदालत आरोपी नितिन सोनी को जमानत देने के लिए इच्छुक है।”

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