वित्त मंत्री के खिलाफ मानहानि मामले में पेश न होने पर AAP नेता की पत्नी पर लगा जुर्माना

Shahadat

17 July 2025 5:01 AM

  • वित्त मंत्री के खिलाफ मानहानि मामले में पेश न होने पर AAP नेता की पत्नी पर लगा जुर्माना

    दिल्ली कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सोमनाथ भारती की पत्नी पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पेश न होने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

    राउज़ एवेन्यू कोर्ट के एसीजेएम पारस दलाल ने पाया कि बार-बार बुलाने के बावजूद शिकायतकर्ता लिपिका मित्रा की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ और दोपहर 2:30 बजे मामले को स्थगित कर दिया।

    भोजन के बाद के सेशन में मित्रा की ओर से कोई भी अदालत में या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश नहीं हुआ।

    इस पर जज ने आदेश दिया:

    "पिछले आदेश के अनुसार, दोनों पक्षकारों की सुविधानुसार तारीख और समय तय किया गया। किसी के भी पेश न होने के कारण शिकायतकर्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जिसे सेंट्रल दिल्ली कोर्ट बार एसोसिएशन में जमा करना होगा।"

    अदालत ने मित्रा को जवाब दाखिल करने और दलीलें सुनने के लिए पिछले आदेश का पालन करने का अंतिम अवसर दिया।

    मामला अब 2 अगस्त को दोपहर 2 बजे बहस के लिए सूचीबद्ध है।

    शिकायतकर्ता लिपिका मित्रा ने सीतारमण के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 2023 की धारा 356(1) और 356(2) के तहत कथित तौर पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उनके खिलाफ अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणियां करने और प्रकाशित करने का आरोप लगाया।

    शिकायत में आरोप लगाया गया कि सीतारमण ने यूट्यूब पर प्रकाशित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मानहानिकारक, झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए, जिसका प्रसारण 17 मई को रिपब्लिक टीवी और एनडीटीवी समाचार चैनलों पर किया गया।

    मित्रा ने आरोप लगाया कि सीतारमण ने ये बयान 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए, जिसका एकमात्र उद्देश्य उनके पति की प्रतिष्ठा को धूमिल करना और इंडिया अलायंस के उम्मीदवार के रूप में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से उनकी जीत की संभावनाओं को कमजोर करना था।

    शिकायत में कहा गया कि कथित बयानों से भारती को भारी मानसिक पीड़ा हुई है और निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में उनकी सार्वजनिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।

    शिकायत में कहा गया,

    "आरोपी जानबूझकर उस शादी को और ज़्यादा नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है, जिसे शिकायतकर्ता और उसके पति ने सफलतापूर्वक बचाया। इसके बदले में वह न केवल शिकायतकर्ता और उसके पति को, बल्कि उनके बच्चों को भी मानसिक पीड़ा पहुंचा रही है। इस तरह आरोपी ने शिकायतकर्ता के पति की प्रतिष्ठा धूमिल करने और समाज में उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।"

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