"न्याय का मज़ाक़": साढ़े नौ साल जेल में रहने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने महिला को ज़मानत दी

Sharafat

11 May 2022 12:47 PM GMT

  • न्याय का मज़ाक़: साढ़े नौ साल जेल में रहने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने महिला को ज़मानत दी

    दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में नौ साल से अधिक समय से जेल में बंद एक महिला को इस आधार पर जमानत दी कि मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट केवल सात साल की सजा का आदेश दे सकता है, जिसे वह पहले ही जेल में बिता चुकी है।

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमानी मल्होत्रा ​​ने यह टिप्पणी की,

    "निश्चित रूप से आवेदक ने सात साल से अधिक जेल में बिताया है जो कि अधिकतम सजा है जो उसे मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) द्वारा दी जा सकती है। कहने की जरूरत नहीं है कि कैद की अवधि ने न केवल न्याय का मजाक उड़ाया है बल्कि हमारी न्यायिक प्रणाली पर भी सवाल खड़ा हुआ है।"

    कोर्ट ने कहा कि भले ही चार्जशीट 30 जुलाई, 2014 को दायर की गई थी, सीएमएम आरोपी व्यक्ति के खिलाफ आरोप तय करने में विफल रहे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष ने 133 गवाहों का हवाला दिया है, जिसमें इस धीमी की गति से पूरा जीवन लग जाएगा।

    कोर्ट ने यह भी कहा कि अतिरिक्त लोक अभियोजक इस पर कोई भी तर्क देने में विफल रहे हैं कि आखिर राहत क्यों नहीं दी जानी चाहिए।

    उपरोक्त और लंबी कैद को देखते हुए अदालत ने उसे एक लाख रुपए के जमानती मुचलके पर जमानत दे दी।

    आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



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