दिल्ली कोर्ट ने फर्जी LLB डिग्री मामले में लॉ ग्रेजुएट को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार
Shahadat
16 Dec 2025 5:53 PM IST

दिल्ली कोर्ट ने लॉ ग्रेजुएट को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया, जिस पर फर्जी LLB डिग्री और मार्कशीट के आधार पर बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (BCD) में एनरोलमेंट कराने का आरोप है।
साकेत कोर्ट की एडिशनल सेशंस जज शुनाली गुप्ता ने कहा कि जे वासंथन के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और BCD द्वारा जारी सस्पेंशन ऑर्डर में कहा गया कि उनकी LLB डिग्री का वेरिफिकेशन फर्जी पाया गया।
जज ने यह भी कहा कि जांच अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से 2025 के दौरान हौज खास पुलिस स्टेशन में फर्जी LLB डिग्री और BCD में फर्जी रजिस्ट्रेशन के संबंध में 106 FIR दर्ज की गईं।
कोर्ट ने कहा,
"सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए और न केवल आवेदक के खिलाफ बल्कि जांच में नामित अन्य लोगों के खिलाफ भी गंभीर आरोपों को ध्यान में रखते हुए, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बार काउंसिल में एनरोलमेंट कराने में एक सिंडिकेट चलाते हैं, इसके पीछे की साजिश का पता लगाने और सिंडिकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए आवेदक से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए इस स्तर पर मुझे अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं दिखता।"
वासंथन ने भारतीय शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश से ग्रेजुएशन किया। वह 2023 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में एनरोल हुआ।
FIR में आरोप लगाया गया कि वासंथन ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी से फर्जी LLB डिग्री और मार्कशीट का इस्तेमाल करके बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में एनरोलमेंट कराया था। इसके कारण 16 सितंबर को उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया।
उसने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसकी असली LLB भारतीय शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश से है, जो लॉ डिग्री के लिए मान्यता प्राप्त नहीं है। उसने कहा कि दो एजेंटों ने उससे 95,000 रुपये लेने के बाद दस्तावेजों में हेरफेर किया।

